Motihari: भीमलपुर जंगल को विकसित करने की योजना

Update: 2024-09-07 06:02 GMT

बिहार: पर्यावरण, वन व जलवायु परिवर्तन विभाग के मंत्री डॉ प्रेम कुमार विडियो कॉन्फ्रेसिंग के माध्यम से मंगवार को सभी संरक्षित क्षेत्रों, वन क्षेत्रों , इको विकास समितियों व वन प्रबंधन समितियों के अध्यक्ष ,सचिव व डीएफओ के साथ बैठक की .

इसमें वन क्षेत्र के समीप रहने वाले लोगों के लिए अतिरिक्त रोजगार के साधन उपलब्ध कराने के संबंध में समिति के प्रतिनिधियों के माध्यम से विचार विमर्श किया गया. मंत्री ने जिले के वन क्षेत्रों के विकास के लिए किये जा रहे कार्यों के माध्यम से वनों में रहने वाले वनवासियों , ग्रामीणों के कल्याण के लिये लाभान्वित करने की सभी योजनाओं को और अधिक व्यापक बनाने का निर्देश दिया. मंत्री ने वीसी में जानकारी दी कि अब तक वनों के भीतर तथा बाहर 2. करोड़ पौधे लगाये गये है तथा इस वर्ष लगभग 5 करोड़ पौधे लगाने की योजना है. डीएफओ राज कुमार शर्मा ने वीसी में जानकारी दी कि जिले में छह लाख पौधे लगाने का लक्ष्य था जिसे पूरा किया जा रहा ह्रै.

इको विकास समिति के माध्यम से पयर्टन क्षेत्रों में इं. रिक्शा का संचालन, वन क्षेत्र के समीप लघु वन उत्पाद के लिये प्रसंस्करण इकाई की स्थापना, पेयजल के लिये चापाकल तथा स्कूलों में आर० ओ० की व्यवस्था, विभिन्न प्रकार के जीविकोपार्जन यथा मधुमक्खी पालन मुर्गी पालन, सिलाई अचार प्रसंस्करण आदि कार्य करने का निर्देश दिया गया.

भीमलपुर जंगल का अधिकारी ने किया निरीक्षण: मेहसी के भीमलपुर जंगल का जैव विविधता विभाग के अधिकारी भारत ज्योति ने निरीक्षण किया. वे अपनी रिपोर्ट बिहार सरकार को सौंपेगे. भीमलपुर जंगल को विकसीत करने की योजना है. मालूम हो कि वन प्रमंडल मोतिहारी के कार्य क्षेत्र वन भूमि के रूप में एकमात्र भीमलपुर जंगल आता है . वहां पन्द्रह वर्ष पूर्व बालू का टीले पर पौध रोपण कर वन का रुप दिया गया था जो अब पूर्ण हो गया है. वन्य जीवों का अब वहां वसेरा होने लगा है. विभिन्न प्रजातियों के पंक्षी भी अपना ठहराव बना लिये हैं. भविष्य में भीमलपुर जंगल पर्यटक स्थल के रुप में विकसित हो सकता है. इसमें नीलगाय, सियार ,खरगोश, अजगर इत्यादि वन्य जीव एवं विभिन्न प्रकार के पक्षी बहुतायत में पाए जाते हैं 

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