Motihari: महात्मा गांधी केंद्रीय विवि के स्थायी परिसर के निर्माण के लिए बनेगी डीपीआर
भवनों के निर्माण को शुरू करने को आधिकारिक तौर पर एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए
मोतिहारी: महात्मा गांधी केंद्रीय विवि के स्थायी परिसर निर्माण की प्रक्रिया शुरू हो गयी है. स्थायी परिसर में भवन निर्माण के लिए डीपीआर तैयार होगा. महात्मा गांधी केंद्रीय विवि व केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (सीपीडब्ल्यूडी) ने विवि के स्थायी परिसर में भवनों के निर्माण को शुरू करने को आधिकारिक तौर पर एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं.
आधुनिक कक्षा, लैब, लाइब्रेरी, प्रशासनिक भवन सहित होगी अन्य जरूरी सुविधाएं नए परिसर में आधुनिक कक्षाओं, प्रयोगशालाओं, पुस्तकालयों, प्रशासनिक भवनों और छात्रवास सहित व्यापक शैक्षिक गतिविधियों के लिए डिज़ाइन की गई कई सुविधाएँ शामिल होंगी. इस विकास से एमजीसीयू की उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा प्रदान करने और देश भर से प्रतिभाशाली छात्रों और शिक्षकों को आकर्षित करने की क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि होने की उम्मीद है.ओएसडी (प्रशासन) सच्चिदानंद सिंह ने कहा कि उन्नत सुविधाओं के साथ हमारे स्थायी परिसर की स्थापना से न केवल हमारे छात्रों के लिए शैक्षणिक अनुभव में वृद्धि होगी, बल्कि हमारे संकाय को उनके शोध और शिक्षण प्रयासों में भी सहायता मिलेगी. हमें विश्वास है कि सीपीडब्ल्यूडी इस परियोजना को समय पर व गुणवत्तापूर्ण पूरा करेगी, जिससे क्षेत्र में शैक्षिक बुनियादी ढांचे के लिए एक नया मानक स्थापित होगा. सीओई डॉ. कृष्णकांत उपाध्याय, प्रो. प्रसून दत्ता सिंह, डॉ. श्याम नंदन, डॉ. शिवेंद्र सिंह, जेई(विद्युत) ई. उत्पल कुमार मौर्य, हस्ताक्षर समारोह में थे.
सीपीडब्ल्यूडी के अधीक्षण अभियंता ई. विजय कुमार झा, कार्यपालक अभियंता (सिविल) ई. राज कुमार, कार्यपालक अभियंता (विद्युत) ई. बिवेक कुमार भी उपस्थित थे.
विवि को 302 एकड़ में 261.26 एकड़ भूमि हो चुकी है उपलब्ध: केंद्रीय विवि को कुल 302 एकड़ भूमि उपलब्ध होनी है. इसके तहत मार्च 2024 में एमजीसीयू को अतिरिक्त 7.26 एकड़ भूमि प्रदान की गई, जिससे कुल भूमि का स्वामित्व पिछले 134 एकड़ से बढ़कर 261.26 एकड़ हो गया. सीपीडब्ल्यूडी के साथ समझौता ज्ञापन विवि के विस्तार की दिशा में एक आवश्यक कदम है.