बिहार: आज का दिन पूरे भारतवर्ष के लोगों के लिए गौरवान्वित करने वाला दिन है, क्योंकि चंद्रयान-3 आज सफलतापूर्वक चांद के सतह पर लैंड कर चुकी है. इस सफलता के पीछे सैकड़ों वैज्ञानिकों की मेहनत थी, जिसने देशवासियों को गौरवान्वित होने का अवसर प्रदान किया. आज पूरा देश खुशी से झूम रहा है और पूरे भारत की चर्चा विश्व के कोने- कोने में हो रही है. चंद्रयान-3 की इस सफलता में बिहार के गया जिले के रहने वाले इसरो वैज्ञानिक सुधांशु कुमार का भी अहम योगदान रहा है. बता दें कि श्रीहरिकोटा लॉन्च व्हीकल प्रोवाइड करता है. सुधांशु उसी लॉन्च व्हीकल टीम के हिस्सा थे.
चंद्रयान-3 के सफल लैंडिंग के बाद श्रीहरिकोटा में वैज्ञानिक के रूप में काम कर रहे सुधांशु कुमार ने अपनी मां से फोन पर बात की. वे इस सफलता पर काफी खुश दिख रहे थे. उन्होंने अपने माता-पिता से कहा कि उन्हीं के आशीर्वाद से आज इसरो में वैज्ञानिक के रूप में काम कर रहे हैं और चंद्रयान-3 के लॉन्चिंग टीम में शामिल होने का अवसर मिला. ज्यादा व्यस्तता होने के कारण लगभग 40 सेकंड तक अपनी मां से बात कर इस सफलता पर खुशी का इजहार किया.
अपने बेटे से बात करते हुए सुधांशु की बिंदु देवी भावुक हो गई. अपने बेटे को आशीर्वाद देते हुए भविष्य में और भी इस तरह के अभियान में सफलता पाने का आशीर्वाद दिया. लोकल 18 से बात करते हुए सुधांशु की मां ने बताया कि चंद्रयान-3 की सफलता पर उनके बेटे सुधांशु के अलावा सभी वैज्ञानिकों का सहयोग रहा, जिसने आज पूरे देश को गौरवान्वित होने का अवसर दिया है. इन्होंने बताया कि बहुत गरीबी में बेटे को पढ़ाया. आज वह अपनी काबिलियत के बल पर इसरो में वैज्ञानिक के रूप में काम कर रहे हैं. मालूम हो कि सरकारी स्कूल से जैसे-तैसे पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने बीटेक किया. इसके बाद उनका चयन 2021 में इसरो में हुआ था. आज भी सुधांशु के पिता घर में आटा चक्की चलाते हैं, जबकि माता गृहणी हैं.