अधिकांश धर्मगुरुओं ने सीएए का किया स्वागत, कुछ असमंजस में

भागलपुर के कई धर्मगुरुओं ने इसका स्वागत किया

Update: 2024-03-22 06:11 GMT

भागलपुर: देश में सिटीजन अमेंडमेंट एक्ट (सीएए) लागू होने के बाद लोगों की मिलीजुली प्रतिक्रियाएं आ रही है. भागलपुर के कई धर्मगुरुओं ने इसका स्वागत किया है तो कई लोगों का कहना है कि इसके बारे में विस्तार से जानने की जरूरत है कि इस कानून को किस रूप में लागू किया गया है.

खानकाह-ए-पीर दमड़िया के सज्जादानशीं शाह फकरे आलम ने कहा कि अगर किसी मुल्क के शरणार्थियों को नागरिकता दी जाती है तो इसका स्वागत करते हैं. लेकिन लोगों के बीच कुछ लोगों की नागरिकता समाप्त करने की बातें हैं. अगर ऐसी बात है तो यह नहीं होनी चाहिए. इसपर स्थिति स्पष्ट होनी चाहिए. किसी देश के परेशान लोगों को संरक्षण दिया जाता है तो इस पर कोई विरोध नहीं है. वहीं जिला शिया वक्फ कमेटी के सचिव जीजाह हुसैन ने कहा कि कानून बने लेकिन यह बात समझ से परे है कि हर चीज चुनाव के समय ही क्यों होता है. इससे लोगों में भ्रांतियां आती है. दूसरे देशों के किसी भी समुदाय के परेशान लाचार लोगों को अगर भारत की नागरिकता मिलती है तो इसमें किसी का विरोध नहीं है. जरूरी यह है कि सरकार की नीयत अच्छी होनी चाहिए. इसमें कुछ छिपी हुई बातें नहीं होनी चाहिए. चुनावी मंशा नहीं होनी चाहिए.

गुरुद्वारा गुरु सिंह सभा के मुख्य ग्रंथी यशपाल सिंह ने केन्द्र सरकार के इस फैसले का स्वागत किया है. उन्होंने कहा है कि यह सरकार का बढ़िया फैसला है. हमारे सिख समुदाय से भी काफी ऐसे भाई-बहन हैं जो पाकिस्तान में फंसे हैं. उन्हें वहां की नागरिकता नहीं मिली है. वेलोग परेशानी में हैं. इस कानून से ऐसे लोगों को राहत मिलेगी. श्री दिगंबर जैन सिद्ध क्षेत्र के मंत्री सुनील जैन ने कहा कि सरकार का यह सराहनीय कदम है. शरणार्थियों को नागरिकता मिलेगी तो उनके अंदर विश्वास जगेगा और भारत मजबूत होगा. सेंट बेनेडिक्ट चर्च के फादर थॉमस ने कहा कि अभी उन्होंने इस बारे में विस्तार से जानकारी नहीं ली है. पहले इसके बारे में जानकारी लेंगे. शिवशक्ति मंदिर के अरुण बाबा ने सरकार के इस फैसले का स्वागत किया है. उन्होंने कहा कि सीएए लागू होना देश के लिए अच्छी बात है. इससे किसी को कोई हानि नहीं है. सरकार को इसके लिए बधाई देना चाहिए.

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