जिले के आधे से अधिक राजकीय नलकूप नहीं उगल रहे पानी

Update: 2023-07-22 07:31 GMT

गोपालगंज न्यूज़: आवश्यकता से करीब 70 प्रतिशत कम बारिश होने से जिले में सूखे की स्थिति बनी हुई है. पिछले एक पखवारे से खेती लायक बारिश नहीं हो रही है. ऐसी सूरत में सरकारी नलकूपों से भी किसानों को सिंचाई की सुविधा नहीं मिल पा रही है. स्थिति यह है कि जिले में कुल 267 सरकारी नलकूपों में से महज 165 नलकूप चालू हैं . 101 राजकीय नलकूप तकनीकी खराबी व चैनल के टूटे-फूटे रहने से बंद पड़े हैं. हालांकि पंचायतों के माध्यम से करीब 27 नलकूपों को चालू कराया गया है. लेकिन, नाला व पाइप के आभाव में खेतों की सिंचाई नहीं हो पा रही है. उल्लेखनीय है कि सरकार ने बंद नलकूप को चालू कराने का जिम्मा पंचायत को दिया है. बंद पड़े नलकूपों को चालू कराने के लिए पिछले वर्ष पंचायतों को 94 लाख की राशि भी भेज दी गई थी. लेकिन, उक्त राशि से 32 नलकूपों को ही चालू कराया जा सका. लेकिन, नाला ध्वस्त होने व पंचायत के स्तर पर नाला के बदले प्लास्टिक पाइप की व्यस्था नहीं होने से इसका भी लाभ किसानों को नहीं मिल पा रहा है.

साठ फीसदी भूमि में हो चुकी है खेती जिले में 88 हजार हेक्टेयर में धान की खेती का लक्ष्य है. इसमें 60 फीसदी से अधिक भूमि में खेती हो भी चुकी है. एक मोटे अनुमान के अनुसार यदि आने वाले दिनों में बारिश नहीं हुई तो करीब 12 से 15 अरब की फसल सुखाड़ की भेंट चढ़ जाएगी. इसमें मक्का,दलहन व तेलहन की फसलें भी शमिल हैं.

पिछले एक साल से नलकूप का मोटर जला हुआ है. कई बार पदाधिकारियों का ध्यान आकृष्ट कराया गया. लेकिन मोटर बदला नहीं जा रहा है. डीजल खरीद कर बार-बार सिंचाई करना संभव नहीं है.

-संजय सिंह, किसान,

सह नलकूप चालक, छोटा बढ़ेया.

गांव में लगा नलकूप सफेद हाथी साबित हो रहा है. यहां न नाला है न ऑपरेटर. धान की रोपनी निजी पम्प सेट से की जा रही है. विभाग हाथ पर हाथ धरे बैठा है.

-शिवजी पांडेय, किसान, हलुवार

इलाके में सिंचाई के सभी संसाधन मृत प्राय है. बारिश के लिए किसान आसमान की तरफ टकटकी लगाए हुए हैं. नहर का पानी अंतिम छोर तक नही पहुंच रहा है.

-सुरेन्द्र पांडेय, किसान, पांडेय टोला

डीजल की महंगाई के कारण लघु व सीमांत किसानों के लिए पंप सेट से सिंचाई कर धान की रोपनी या पटवन कर फसल बचाना क्रय शक्ति के बाहर है.

-सुनील कुमार, किसान, तरवा

जिले में 165 सरकारी नलकूप चालू स्थिति में हैं. नलकूपों से फिलवक्त 20 हेक्टेयर खेत का पटवन हो रहा है. अन्य नलकूपों को चालू कराने के लिए प्रयास जारी है. -आलोक कुमार सिंह, कार्यपालक अभियंता, लघु सिंचाई विभाग

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