फाइलेरिया के खिलाफ जागरूकता फैला रहे हैं छपरा के मोहन सिंह

Update: 2023-06-23 08:37 GMT

छपरा न्यूज़: किसी गंभीर बीमारी से पीड़ित मरीज ही उस बीमारी के प्रकोप और उसके दर्द को समझ सकते हैं। ऐसे ही एक मरीज हैं सारण जिले के सोनपुर प्रखंड के खरिका पंचायत के स्थानीय निवासी मोहन सिंह. जो पिछले तीस वर्षों से फाइलेरिया से पीड़ित है। युवावस्था के समय के साथ-साथ उन्होंने अपने जीवन में फाइलेरिया को बढ़ते हुए भी देखा।

उन्होंने फाइलेरिया से हार मानने की बजाय इससे लड़ने का फैसला किया। जिससे उन्होंने इस बीमारी के स्टेज को भी कम कर दिया। वह पंचायत के लोगों को इस बीमारी से बचाव व इलाज के प्रति जागरूक करने में लगे हुए हैं. पंचायत में गठित खरिका रोगी सहायता समूह से जुड़कर उनके अभियान में जुट गये।

दवा के सेवन से फाइलेरिया का स्तर कम हो गया

मोहन सिंह बताते हैं कि करीब 30 साल पहले उनके शरीर में फाइलेरिया के लक्षण दिखने लगे थे. इसके बाद से उन्होंने कई जगहों पर इलाज कराया। जो जहां बताता, वहीं इलाज कराने पहुंच जाता। इससे उन्हें कुछ राहत तो मिली, लेकिन छुटकारा नहीं मिल सका. 19 साल पहले उन्होंने एक जगह अपना इलाज कराया, जहां इलाज के दौरान उनके पैरों की सूजन कम होने लगी. कुछ दिनों बाद उनके पैरों की सूजन ग्रेड दो से घटकर ग्रेड वन में आ गई। जिसके बाद उन्हें कभी कोई बड़ी परेशानी नहीं हुई.

उनकी समस्या को देखते हुए उन्होंने अन्य लोगों को इसके बारे में जागरूक करना शुरू किया। आशा कार्यकर्ता के माध्यम से जब उन्हें पता चला कि फाइलेरिया के मरीज रोगी सहायता समूह के माध्यम से लोगों को जागरूक कर रहे हैं तो वह भी उनकी मुहिम से जुड़ गए। इससे उन्हें काफी संतुष्टि मिलती है.

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