पेट्रोल पंपों पर शून्य की जगह पांच से शुरू होते हैं मीटर

Update: 2023-07-13 07:17 GMT

मुजफ्फरपुर न्यूज़: पेट्रोल पंपों पर मीटर में भी खेल हो रहा है. ज्यादातर पंपों पर मीटर शून्य की बजाय पांच से शूरू होता है. कर्मचारी ग्राहकों को कहते हैं कि पंप के नोजल में इतना प्रेशर होता है कि शून्य के बाद एकाएक पांच या 10 तक मीटर पहुंच जाता है.

ज्यादातर पेट्रोल पंपों पर तेल कम देने की शिकायत तो रहती है लेकिन उनके यहां रजिस्टर में ऐसी शिकायतें दर्ज नहीं हैं. इसके पीछे ग्राहक, कर्मचारियों की मनमानी बता रहे हैं. उनका कहना है कि कभी पेट्रोल या डीजल कम होने की शिकायत करते हैं तो ऐसा नहीं होने का आश्वासन देकर जाने को मजबूर कर देते हैं.

2018-19 में ऐसा मामला जिला प्रशासन के पास आया था. शिकायत करने वाले लोग बाहरी नहीं थे बल्कि सरकारी वाहनों में डीजल और पेट्रोल भरवाते समय ड्राइवरों ने ही ऐसी बात अपने अधिकारियों से बताई थी. उसके बाद कई पेट्रोल पंपों पर छापेमारी की गई. कई जगहों पर शिकायतें सही मिली लेकिन पेट्रोल पंपों के कर्मचारियों ने तकनीकी गड़बड़ी बताया. बाद में तेल कंपनियों ने इस पर सख्ती बरती और आटोमेट्रिक मशीन से ऐसी गडबडी नहीं हो इसकी कोशिश की.

पंप पर रखे पांच लीटर के क्वांटिटी टेस्ट से जांच कराएं

अगर आपको लगता है कि किसी पेट्रोल पंप वाले ने तेल कम दिया है, तो पेट्रोल पंप पर रखे गए पांच लीटर के क्वांटिटी टेस्ट से उसकी जांच कराएं. सभी पेट्रोल पंपों में सरकार द्वारा प्रमाणित पांच लीटर का पैमाना रखा जाता है जो तेल की क्वांटिटी मापने के लिए होता है. आप मशीन में पांच लीटर क्वांटिटी फीड कराएं और फिर पैमाने के डिब्बे में तेल भरने के लिए कहें. अगर पांच लीटर क्वांटिटी का डब्बा पूरा नहीं भरता है तो समझिए कि तेल कम दिया जा रहा है. इसकी शिकायत आप संबंधित तेल कंपनी के पदाधिकारियों से ऑनलाइन कर सकते हैं या डीएम कार्यालय को दे सकते हैं. तेल लेते समय ध्यान रखें कि तेल भरने वाला पंप का कर्मचारी पिछले ग्राहक के वाहन मंक तेल भरने के बाद मशीन को जीरो पर कर रहा है या नहीं. अगर कर्मचारी ऐसा नहीं करता है तो उसे रोकें और मीटर को शून्य कराएं. सेल्स मैन की गतिविधियों पर नजर रखें.

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