सड़कों पर खुले में फेंके जा रहे मेडिकल बायो वेस्ट

बढ़ा संक्रमण का खतरा

Update: 2024-03-18 04:24 GMT

गोपालगंज: सड़कों पर कचरा फेंकना तो आम है लेकिन यह समस्या और गंभीर तब हो जाती है जब कचरे में बायोमेडिकल कचरा फेंका जाता है. शहर के तुलसी मार्केट स्थित मीर अबू सालेह रोड में एक कतार से करीब दस निजी क्लीनिक मौजूद है. जहां क्लीनिक के सामने सड़क पर कचरे के ढेर में मेडिकल वेस्ट फेंका जा रहा है. अक्सर क्लीनिक के पास कचरे के ढेर में नीडेल, केथड एवं दवाइयां आदि की ढेर देखी जाती है. खुले में मेडिकल वेस्ट फेंकना प्रतिबंधित है. इसके बावजूद निजी क्लीनिक हर दिन खुले में इसे फेंक रही है. कचरे के ढेर में पशु अपना भोजन खोजते है. इस दौरान इससे पशुओं को अनेक बीमारियां हो सकती है. इतना ही नही अगर खाने के दौरान निडेल मुंह के अंदर चला जाये तो पशुओं की मौत भी हो सकती है.

नाली या खुले में मेडिकल वेस्ट फेंक रहे क्लीनिक संचालक: मेडिकल वेस्ट अस्पताल में आने वाले रोगियों, स्वास्थ्य कर्मियों एवं आम लोगों को संक्रमित कर सकती है. अस्पतालों में अनेकों बीमारी से संबंधित रोगी ईलाज कराने आते हैं. इनके ऊपर इस्तेमाल की जाने वाली दवाइयां व अन्य मेडिकल सामग्रियां वेस्ट हो जाती है. इसके लिए संबंधित एजेंसी को इसे सौपा जाता है जो इसका निस्तारण करती है. वहीं दर्जनों निजी क्लिनिक में कुछ ही क्लिनिक है जो संबंधित एजेंसी को बायो वेस्ट निस्तारण के लिए देती है. शेष उसे नाली या खुले में फेंक रहे है. अगर खुले में फेंका गया तो इसके संपर्क में आने से लोगों में संक्रमण फेलने का खतरा बना रहता है.

विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार स्वास्थ्य संस्थानों से निकलने वाली बीस फीसदी कचरा हानिकारक होता है. जिसका उचित निपटान नहीं होने पर आम लोगों के स्वास्थ्य एवं पर्यावरण पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है.

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