एआई ठगी के नालंदा कनेक्शन का कहीं आप न हो जाएं शिकार

हिलसा में एआइ टूल की मदद से ठगी के प्रयास का जिले में पहला मामला सामने आ चुका है

Update: 2024-04-13 08:58 GMT

पटना: पुलिस-प्रशासनिक अधिकारी बनकर कोई मोबाइल या सड़क पर आप या आपके बच्चे को धमका कर रुपए की मांग करे, तो हो जाएं सावधान! कहीं आप न हो जाएं एआई टूल की मदद से ठगी करने वाले नकली पुलिस-अधिकारी के शिकार. महानगरों के बाद छोटे शहरों से लेकर गांवों तक में जालसाज एआई टूल के जरिए पुलिस अधिकारियों की हू-ब-हू आवाज बनाकर ठगी करने लगे हैं. हिलसा में एआइ टूल की मदद से ठगी के प्रयास का जिले में पहला मामला सामने आ चुका है.

ठग एआई (आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस) टूल से ठग रहे हैं. जालसाज एआइ के वॉयस क्लोनिंग टूल की मदद से आपके अपनों की आवाज को ठगी का माध्यम बना रहे हैं. एआइ वॉयस क्लोनिंग ऐसी तकनीक है, जो व्यक्ति की आवाज की सिंथेटिक कॉपी बना लेती है. यह किसी व्यक्ति की आवाज के स्वर, पिच और विशेषताओं की नकल कर हू-ब-हू ऑडियो रिकॉर्डिंग तैयार कर देती है.

सार्वजनिक स्थल पर न करें फोन चार्ज अगर आप सार्वजनिक स्थल पर स्मार्टफोन चार्ज करते हैं तो हो जाएं सावधान! साइबर अपराधियों के शिकार हो सकते हैं. इसे लेकर केंद्र सरकार ने अलर्ट जारी करते हुए लोगों से हवाई अड्डों, कैफे, होटल और बस स्टैंड जैसे सार्वजनिक स्थानों पर फोन चार्जिंग पोर्टल का इस्तेमाल न करने की सलाह दी है. साइबर अपराधी सार्वजनिक स्थानों पर यूएसबी चार्जिंग पोर्ट का इस्तेमाल कर लोगों के फोन में मालवेयर (वायरस) इंस्टाल कर देते हैं.

ऐसे रहें सुरक्षित

● वीडियो कॉल उठाने से पहले कैमरे पर अपना अंगूठा रख कैमरे को ढंक लें. पहले सामने वाले को देख लें, तब अपना चेहरा दिखाएं.

● कोई भी ऐप आप प्ले स्टोर से ही डाउनलोड करें.

● अपने जरूरी कागजात को डिजी लॉकर ऐप में ही रखें.

● कभी सरल पासवर्ड न बनाएं.

● एपीके फाइलें डाउनलोड न करें. आपका डेटा हैक हो सकता है.

● बच्चों को गेम खेलने के लिए अपना फोन न दें, जिसमें आपके यूपीआई अकाउंट लिंक हों.

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