सुहागिनों ने पति की लंबी उम्र के लिए की वट सावित्री पूजा

Update: 2023-05-20 06:01 GMT

पटना: शुक्रवार को वट -सावित्री पर्व पर सुहागिनों ने पति की लंबी आयु के लिए व्रत रखा । सामूहिक रूप से वट वृक्ष की पूजा की । अनुमंडल मुख्यालय बिक्रमगंज नगर परिषद के धारुपुर वार्ड संख्या 21 में अवस्थित मां काली मंदिर व काराकाट प्रखंड क्षेत्र के मोथा , कुरूर , संसार- डिहरी , गोराड़ी , घरवासडीह , पहरमा , रघुनाथपुर सहित अन्य स्थलों के वट-वृक्ष के समीप पहुंचकर महिलाओं ने सामूहिक रूप से बरगद के पेड़ की पूजा अर्चना की । इसी प्रकार से अनुमंडल भर में वट सावित्री की पूजा अर्चना हर्षोल्लास के साथ सुहागिन महिलाओं के द्वारा किया गया । ज्येष्ठ मास की अमावस्या तिथि को रखा जाने वाला वट सावित्री व्रत अनुमंडल मुख्यालय के शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में सुहागिन महिलाओं द्वारा धूमधाम से मनाया गया । इस दौरान सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु और अच्छे स्वास्थ्य के लिए व्रत रखी और उनकी लंबी उम्र के लिए कामना की । साथ ही वट वृक्ष की विधि- विधान से पूजा और परिक्रमा कर पति के जीवन में आने वाली समस्याओं को दूर करने के लिए प्रार्थना की । पूजा करने के बाद महिलाऐं वट वक्ष के नीचे बैठकर सावित्री सत्यवान की कथा सुनी । वट वृक्ष के नीचे बैठकर ही सावित्री ने अपने पति व्रत से पति सत्यवान को दोबारा जीवित कर लिया था । व्रतियों में ललिता देवी , फूलवंती देवी , नंदा देवी , पम्मी देवी , वंदना देवी ,नीतू देवी , विक्की देवी , कांति देवी ,संगीता देवी ,शांति देवी ,ममता देवी ,नीता गुप्ता सहित अन्य व्रतियों ने कहा कि वट-वृक्ष की पूजा से घर में सुख शांति धनलक्ष्मी का भी वास होता है व वट वृक्ष रोग नाशक भी है । मंदिरों में पूजा-अर्चना करने के साथ ही वट वृक्ष की विधि-विधान के साथ पूजा की ।

पति की दीर्घायु के लिए रखा जाने वाला वट सावित्री व्रत शुक्रवार को अनुमंडल भर में हर्षोल्लास के साथ मनाया गया । शाम को व्रत के समापन के बाद अन्न ग्रहण किया । पंडित हरिशरण दुबे , अशोक तिवारी व बृज किशोर दुबे ने बताया कि इस दिन माता सावित्री ने अपने दृढ़ संकल्प और श्रद्धा से यमराज द्वारा अपने मृत पति सत्यवान के प्राण को वापस पाई थी । इसलिए महिलाओं के लिए ये व्रत बेहद ही फलदायी माना जाता है । आचार्यो ने बताया कि इस दिन सुहागन महिलाएं पूरा श्रृंगार कर बरगद के पेड़ की पूजा करती हैं । वट वृक्ष की जड़ में भगवान ब्रह्मा, तने में भगवान विष्णु व डालियों, पत्तियों में भगवान शिव का निवास स्थान माना जाता है । महिलाएं इस दिन यम देवता की पूजा करती हैं । आचार्यो ने बताया कि धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस व्रत को सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और संतान प्राप्ति के लिए रखती हैं । मान्यता है कि इस व्रत को रखने से अखंड सौभाग्य व सुख- समृद्धि की प्राप्ति होती है । ज्योतिषियों के अनुसार इस दिन मां लक्ष्मी व भगवान विष्णु की पूजा का भी विधान है । साथ ही स्नान, दान, पुण्य और जप तप का भी इस दिन का विशेष महत्व है ।


नोखा (रोहतास) नगर परिषद एवं प्रखंड में बट सावित्री पूजा के लिए मंदिरों में भीड़ देखी गई। इस मौके पर महावीर स्थान पर सुहागिन महिलाओं ने वटवृक्ष की पूजा अर्चना कर पति के दिर्घायु की कामना की। महिला टुसी सिह ने बताया कि पति की आयु को बढ़ाने के लिए पूजा अर्चना की जाती है। कच्चे सूत को लपटते हुए 12 बार परिक्रमा की गई। हर परिक्रमा पर एक भीगा हुआ चना चढ़ाई गई। परिक्रमा पूरी होने के बाद सत्यवान व सावित्री की कथा सुनी गई। 12 कच्चे धागे वाली एक माला वृक्ष पर चढ़ाया गया अब 6 बार माला को वृक्ष से बदला गया और अंत में एक माला वृक्ष को चढ़ा कर एक अपने गले में पहन ली गई ।पूजा खत्म होने के बाद घर आकर पति को बांस का पंख झलाई जाती है और उन्हें पानी पिलाई। इस मौके पर रीता गुप्ता, उर्मिला रेणु गुप्ता, अंजलि ,दीपिका देवी सहित कई महिलाओं ने वटवृक्ष में धागा लपेट ते हुए फेरी लिए ।शुक्रवार की सुबह से ही हजारों की संख्या में महिलाएं वट वृक्ष की पूजा करने के लिए पहुंची। सुहागिन महिलाएं अखंड सौभाग्यवती होने एवं पति के लंबी आयु के लिए वट वृक्ष की पूजा करती है। इसके लिए महिलाएं सुबह से उपवाश रहकर कर वट वृक्ष में फेरी लगा कर धागा बंधी। साथ ही वृक्ष के आयु की तरह अपने पति की लम्बी उम्र की कामना करती है। बताया जाता है पतिव्रता सती सावित्री ने अपने पति की प्राण हरने आये यमराज से जिद्द कर वट वृक्ष के निचे ही अपने पति के प्राण वापस लौटा ली थी।उसी पौराणिक कथाओं पर आज भी महिलाए व्रत कर वट वृक्ष की पूजा करती है और अपने पति के सुहाग को अमर रखने की कामना करती ही। इस क्रम में वटवृक्ष के पास मेला सा दृश्य बना रहा। महिलाओं में पूजा को ले जबरदस्त उत्साह देखा गया।

नौहट्टा/रोहतास प्रखंड क्षेत्र में सुहागिनों ने शुक्रवार को बट सावित्री व्रत को रखा। जहाँ सुबह से प्रत्येक गांव में महिलाएं बट बृक्ष के निचे पूजा अर्चना करते नजर आयी। जहां रोहतास प्रखंड पूर्व प्रमुख दिव्या भारती,मुखिया अनुराधा देवी, मुखिया संजूदेवी, सरपंच किरण देवी, नौहट्टा में प्रमुख रानी देवी सरपंच प्रभा देवी, मुखिया सुनीता देवी, सहित अन्य हजारों महिलाओं ने पूजा अर्चना किया। जहा बृक्ष पूजा के बाद महिलाओं ने आचार्यो से कथा का श्रवण किया। बताया गया कि यह पर्व सुहागिन महिलाएं अपनी पति की लंबी आयु पुत्र प्राप्ति हेतु रखती हैं।है। पौराणिक मान्यता के अनुसार, सावित्री ने बरगद के पेड़ के नीचे अपने मृत पति के जीवन को वापस लाया। यमराज को अपने पुण्य धर्म से प्रसन्न करके आशीर्वाद प्राप्त किया था। यही कारण है कि वट सावित्री व्रत पर महिलाएं वट वृक्ष की पूजा करती हैं। इसके अलावा संतान प्राप्ति के लिए भी यह व्रत लाभकारी माना जाता है।वही दारानगर बट बृक्ष के नीचे कथा वाच रहे पंडित बिनय पाठक ने बताया सौभाग्यवती महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और सभी प्रकार की सुख-समृद्धि की कामना करती हैं. इस दिन महिलाएं व्रत रखकर वट वृक्ष के पास जाकर धूप, दीप नैवेद्य आदि से पूजा करती हैं।

नासरीगंज(रोहतास):- प्रखण्ड क्षेत्र में शुक्रवार को वट सावित्री व्रत की पूजा धूमधाम से हुई। हिंदू धर्मावलंबी महिलाओं ने व्रत रखकर अपने सुहाग के कल्याण एवं रक्षा की कामना की। व्रत को लेकर सुबह से ही महिलाओं का हुजूम शहर के विभिन्न बरगद पेड़ के नीचे दिखने लगा था। पं०कृष्ण कुमार मिश्रा के वैदिक मंत्रोच्चार के बीच महिलाओं ने विधि विधान के साथ वट वृक्ष का पूजन किया एवं वृक्ष में कच्चा सूत बांधकर परिक्रमा की। हरी, लाल, पीली साड़ियों में सजी महिलाओं ने इस पर्व को लेकर व्रत धारण की। उन्होंने पूजन के उपरांत सदा-सुहागिन रहने की मनोकामना की। ठाकुरबाड़ी मंदिर के पुजारी पं०कृष्ण कुमार मिश्रा ने इस व्रत के संदर्भ में बताया कि पुरातनकाल में सती सावित्री ने इस व्रत को किया था तथा सदा-सुहागन रहने की मंगलकामना की थी। व्रत के परिणाम स्वरूप उनके पति की उम्र पूरी हो जाने के बाद भी यमराज ने पुन: जीवनदान दिया था। तबसे यह व्रत पृथ्वी लोक पर प्रचलित है और सुहागिन महिलाएं इस व्रत को धारण करती रही हैं। व्रत को लेकर दिन भर सड़कों पर रंग-बिरंगे परिधानों में सजी महिलाओं की भीड़ देखी गई। प्रखण्ड के ठाकुरबाड़ी, गांधी मैदान, इटिम्हा, अमियावर, बरडीहा, पोखराहा, जमालपुर समेत कई स्थानों पर वट वृक्ष के नीचे महिलाओं को पूजन करते देखा गया। वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में भी वट सावित्री पूजन को लेकर महिलाओं की भारी भीड़ देखी गई। वट वृक्ष में धागा बांधकर परिक्रमा कर महिलाओं ने अपने पति की रक्षा की कामना की। महिलाओं ने उपवास रखकर पूजा-अर्चना के बाद बरगद के पेड़ के नीचे बैठकर कथा सुनकर दान अर्पित किया।

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