कांवर यात्रा के चलते बिहार में कई रास्ते बंद, वाहन चालक इन वैकल्पिक मार्गों से गुजरें

सावन महीने की शुरुआत के साथ ही बिहार में कांवर यात्रा शुरू हो गई है।

Update: 2022-07-14 06:27 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क।  सावन महीने की शुरुआत के साथ ही बिहार में कांवर यात्रा शुरू हो गई है। श्रावणी मेले के दौरान कांवरिये घाटों से जल लेकर प्रमुख शिव मंदिरों में जलाभिषेक के लिए जाते हैं। कांवर यात्रा के दौरान भागलपुर, मुंगेर, बांका, मुजफ्फरपुर, हाजीपुर, गोपालगंज समेत अन्य जिलों में सड़कों पर काफी दबाव रहता है। प्रमुख सड़कों पर ट्रैफिक को कम करने के लिए बिहार में 45 से ज्यादा वैकल्पिक मार्ग बनाए गए हैं।

अधिकतर कांवरिये शनिवार को जल लेकर निकलते हैं और सोमवार को भगवान शिव को जल चढ़ाते हैं। इसलिए सप्ताहांत में सड़कों पर ज्यादा ट्रैफिक रहता है। भीड़ के दबाव को देखते हुए जिला प्रशासन कई सड़कों को आम लोगों की आवाजाही के लिए बंद कर देता है। वहीं, कुछ के मार्ग परिवर्तित कर दिए जाते हैं। हालांकि श्रद्धालुओं की बड़ी तादाद के कारण यह कोशिश भी बहुत कारगर साबित नहीं होती है। इस बार प्रमुख सड़कों पर दबाव कम करने के लिए चार दर्जन वैकल्पिक मार्ग शुरू किए गए हैं।
सुल्तानगंज से बाबाधाम की दूरी कच्चा कांवरिया पथ होकर 95 किमी है। सुल्तानगंज मेला परिसर में गाड़ियों के प्रवेश पर रोक लगा दी गई है। भागलपुर से सुल्तानगंज की तरफ जाने वाली गाड़ियां अकबरनगर से सुल्तानगंज असरगंज होकर जाएंगी। वहीं, मुंगेर की तरफ से आने वाली गाड़ियों को बरियारपुर से मोड़ दिया जाएगा। सुल्तानगंज के बाहर तीन सड़कों के किनारे पार्किंग की व्यवस्था की गई है।
भागलपुर में ये है ट्रैफिक व्यवस्था
इधर, भागलपुर शहर में बरारी स्थित पुल घाट और एसएम कॉलेज घाट से श्रद्धालु हरेक रविवार को गंगा जल लेकर बांका के अमरपुर स्थित ज्येष्ठ गौड़ (जैठौड नाथ मंदिर) शिवालय में जल चढ़ाते हैं। श्रद्धालु 31 किमी दूर जैठोरनाथ मंदिर पैदल जाते हैं। बड़ी संख्या में श्रद्धालु दुमका के बासुकीनाथ मंदिर में भी जल चढ़ाते हैं। कांवरिया अब तक कचहरी, भीखनपुर, भोलानाथ पुल, बागबाड़ी के रास्ते जाते थे। इस बार बरारी बायपास से सीधे फ्लाईओवर होकर अलीगंज के रास्ते जायेंगे। इस मार्ग से करीब 5 किलोमीटर की दूरी कम हो जाएगी।
मुजफ्फरपुर की इन सड़कों पर गाड़ियां बैन
गरीबनाथ मंदिर में जल अर्पित करने के लिए मुजफ्फरपुर शहर की करीब 30 सड़कें व चौक-चौराहों पर दबाव बढ़ जाता है। लोगों को रामदयालुनगर, अघोरिया बाजार, ओरिएंट क्लब, आमगोला, हरिसभा चौक, देवी मंदिर रोड, अमर सिनेमा रोड, छोटी कल्याणी व साहू रोड आदि समेत करीब 30 सड़कों से गुजरने के लिए वैकल्पिक रास्तों का इस्तेमाल करना होगा। कांवर यात्रा मार्ग पर गाड़ियों के प्रवेश पर पूरी तरह रोक रहेगी।
विश्वप्रसिद्ध हरिहरनाथ मन्दिर में बाबा को जल चढ़ाने के लिये श्रद्धालु सड़क मार्ग का सहारा लेते हैं। एक रूट पहलेजा घाट से बजरंग चौक होते हुए हरिहरनाथ मन्दिर पहुंचता है। दूसरा रूट पहलेजा घाट से गोबिंद चौक होते हुए हरिहरनाथ मन्दिर का है।
वहीं पहलेजा से बाबा गरीबनाथ (मुजफ्फरपुर) के लिए डाक बम को अदलवाड़ी होकर भेजा जाएगा। वहीं हाजीपुर-मुजफ्फरपुर एनएच के बाएं साइड कांवरियों के पैदल चलने के लिए वन-वे करने तथा दाएं से लोकल ट्रॉफिक तथा कांवरियों के मोटर साइकिल जत्था को भेजने का निर्णय लिया गया है।
गोपालगंज में वैकल्पिक मार्ग
गोपालगंज में नारायणी रिवर फ्रंट डुमरिया घाट से धनेश्वरनाथ मंदिर सिंहासनी तक जाने वाली परसौनी- खैरा आजम सड़क की स्थिति खराब है। ऐसे में डुमरिया से महम्मदपुर होकर दिघवा -दुबौली के रास्ते श्रद्धालु भगवान भोले को जल चढ़ाने जाएंगे। लोगों ने सड़क दुरुस्त करने की मांग की है।
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