Madhubani: पंचायतों में नहीं हो रहा कचरा प्रबंधन का कार्य

Update: 2024-06-04 08:07 GMT

मधुबनी: स्वच्छता अभियान के तहत शहरों की तर्ज पर गांवों को भी स्वच्छ बनाना सरकार का सपना है. लेकिन विभागीय अनदेखी के कारण गांवों में जगह जगह कचरों का ढ़ेर लगा हुआ है. जिन पंचायतों में कचरा प्रबंधन कार्यक्रम की शुरुआत हुई है वहां भी स्वच्छता अभियान के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है. स्वच्छ भारत मिशन फेज-2 के तहत हरलाखी प्रखंड के विभिन्न पंचायतों में ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन कार्यक्रम के उदघाटन के डेढ़ वर्ष बीत जाने के बावजूद भी धरातल पर इसके कार्य ठप हैं. जिससे गांवों में गंदगी तेजी से फैल रही है. कचरा एवं अपशिष्ट प्रबंधन किर्यान्वयन के बावजूद पंचायतों में कहीं भी इसके कार्य देखने को नहीं मिल रहे हैं. दरअसल सरकार के करोड़ों रुपये खर्च होने के बावजूद पंचायतों में कचरा प्रबंधन का कार्य सिर्फ कागजों पर ही चल रहा है. पंचायतों में जगह जगह कचरों का अंबार लगा हुआ है. कचरों के कारण गांवों में गंदगी फैल रही है. स्वच्छता अभियान की सुस्ती और विभागीय अनदेखी के कारण पंचायतों में स्वच्छता अभियान की अनदेखी की जा रही है. जब इस योजना की धरातल पर पड़ताल की गई तो खुलासा हुआ कि जिन पंचायतों में इस योजना के तहत कचरा प्रबंधन कार्यक्रम का उदघाटन हो चुका है, उन पंचायतों में जगह जगह कचरों का ढ़ेर लगा हुआ है.

पंचायत भवनों में जंग खा रही कचरा उठाव सामग्री: इस योजना के धरातल पर किर्यान्वयन नहीं होने से कचरा उठाव की सामग्रियां जंग खा रही है. सूत्रों की मानें तो गुणवत्तापूर्ण कचरा उठाव की सामग्रियां पंचायतों में नहीं बंटी हैं. कहना है कि लोकल सामग्रियों को प्राप्त होने से कचरा उठाव ठेला, ई-रिक्सा व डस्टबिन आदि बेकार हो चुके हैं.

और जंग खा रहे हैं. जबकि सरकार की ओर से बढ़िया गुणवत्ता वाले कचरा उठाव सामग्रियों का वितरण किया जाना था. सोठगांव के संतोष कुमार, परसा के अनित कुमार, पिपरौन के जिवेंद्र सिंह, झिटकी के मो जोहैर, सोनई के राकेश ठाकुर, कलना के रवि कुमार आदि ने बताया कि कचरा उठाने का काम नहीं चलने से ई-रिक्सा, ठेला आदि जंग खा रहे हैं.

Tags:    

Similar News

-->