Madhubani: संकरी गलियों में भी बड़ी-बड़ी इमारतें बनाने की होड़ मची

मानकों की अवहेलना कर शहर में भवनों का हो रहा है निर्माण

Update: 2024-06-15 04:49 GMT

मधुबनी: शहर में हर दिन नई इमारतें खड़ी हो रही हैं. संकरी गलियों में भी बड़ी-बड़ी इमारतें बनाने की होड़ मची है. Multi-storey houses का निर्माण सरकारी नियमों को ताक पर रखकर किया ही जा रहा है.

यदि संकरी गलियों और उसमें बने बहुमंजिले भवनों में आग लग जाय या बड़ा हादसा हो जाए तो बचाव भी कार्य भी मुश्किल साबित होगा. शहरवासी सुबास सिंह बताते हैं कि हर साल शहर में लगभग औसतन 150 से 200 नए मकान बनते हैं और 80 से 90 को नया रूप दिया जाता है. लेकिन, Nagar Parishad से अनुमति वाले सालाना 90 से 100 ही होते हैं. ज्यादातर वे ही लोग नक्शा पास कराते हैं, जिन्हें बैंक से लोन लेना होता है या अन्य सरकारी जरूरत होती है. संतोष कुमार कहते हैं कि भवन निर्माण पर नगर परिषद खामोश रहता है. ज्यादातर मामले में सेटिंग करने की भी चर्चा की होती रहती है.

भूकंप क्षेत्र के वें जोन में है जिला शहर में पुरानी रोड, रामनाथ शर्मा मार्ग में पूरब की ओर बसे मोहल्ले, श्याम चित्र मंदिर रोड सहित दर्जन ऐसे मोहल्ले हैं जहां बचाव के लिए से बड़ी गाड़ियां नहीं जा सकती हैं. गोपालगंज भूकंप क्षेत्र के वें जोन में है. भूकंप रोधी मकान का निर्माण तो हो नहीं रहा है. यदि आग लग जाए तो तंग गलियों में आग पर काबू पाने या लोगों को बचाने के लिए Rescue operation भी चाहकर कोई नहीं कर सकता है.

शहर में भी मकान का निर्माण बिना नक्शा पास के नहीं हो रहा है. हमेशा इसकी जांच भी होती है. -दस साल पहले से बने कई भवनों में मानक का पालन शत प्रतिशत नहीं हुआ है.

राहुलधर दुबे, इओ, नप

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