कटिहार: प्राइवेट स्कूल्स एंड चिल्ड्रेन वेलफेयर एसोसिएशन, गोपालगंज की ओर शहर के आंबेडकर भवन में जिला स्तरीय अधिवेशन सह शिक्षक सम्मान समारोह का आयोजन किया गया. जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में पुलिस महानिरीक्षक विकास वैभव एवं एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्यामल अहमद शामिल हुए. मंच का संचालन मोटीवेटर एशियन (सार्क) अंतर्राष्ट्रीय संगठन के सुरेश कुमार सिंह ने गया. जिला अधिवेशन को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि विकास वैभव ने कहा कि बच्चे एक बीज की तरह होते हैं . जिसमें एक पूरा वृक्ष समाया हुआ
बिहार की तरक्की के लिए हम लोगों को जाति धर्म संप्रदाय से ऊपर उठकर काम करना पड़ेगा. दूसरी तरफ प्राइवेट स्कूल एंड चिल्ड्रन वेलफेयर एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष सैयद शमायल अहमद ने कहा कि बिहार के निजी विद्यालयों के हित में यह संगठन 2011 से लगातार कार्य करता आ रहा है. प्राइवेट स्कूल्स एंड चिल्ड्रेन वेलफेयर एसोसिएशन से लगभग 2 लाख निजी विद्यालयों के संचालक जुड़े हुए हैं . सम्मेलन में गोपालगंज जिले के 800 निजी विद्यालयों के संचालक, प्राचार्य एवं शिक्षकों को सम्मानित किया गया. न्यू ज्ञान लोक कंपटीशन स्कूल मिश्रा बत्रा के संचालक पंचालाल गुप्ता जी को बेस्ट स्कूल का अवार्ड दिया गया. मौके पर जिला अध्यक्ष फैज़ अहमद एवं जिला सचिव डॉ. एलोरा नंदी, पूर्व आईएएस सुरेश कुमार शर्मा एवं रिटायर्ड कमिश्नर एके शर्मा सहित चौदह प्रखंडों के अध्यक्ष, सचिव एवं विद्यालय संचालक उपस्थित थे. डॉक्टर नंदी ग्रेस इंग्लिश स्कूल की छात्राओं ने समारोह में स्वागत भाव नृत्य प्रस्तुत किया. जिला प्रवक्ता धीमेश ने सम्मान पत्र का वाचन किया गया.
सिताब दियारा में खुलेगा कृषि प्रशिक्षण केंद्र: जेपी की जन्मस्थली सिताब दियारा में दो दिवसीय भोजपुरी समागम का शुभारंभ हुआ. मुख्य अतिथि जेपी विश्वविद्यालय के कुलपति डा. परमेन्द्र वाजपेयी ने कहा कि भोजपुरी को बचाना है तो इस भाषा को लोकजीवन और शिक्षा से गंभीरता पूर्वक जोड़ना होगा. उन्होंने एक तरफ सिताबदियारा जेपी ट्रस्ट में आधुनिक व व्यावसायिक कृषि प्रशिक्षण केन्द्र खोलने की घोषणा की.
वहीं दूसरी तरफ विश्वविद्यालय में जल्द ही भोजपुरी शिक्षण केन्द्र शुरू करने की बात कही. उन्होंने कहा कि मुझे गर्व है कि वे उस भोजपुरी क्षेत्र में काम कर कर रहे हैं जो डॉ राजेन्द्र प्रसाद और जयप्रकाश नारायण की जन्मस्थली है. अध्यक्षता करते हुए बलिया के पूर्व सांसद वीरेंद्र सिंह मस्त ने कहा कि भोजपुरी क्षेत्र के परिवारों में भोजपुरी भाषा से परहेज करना दुखद है. इसके पूर्व उन्होंने मोटे अनाज व व्यावसायिक कृषि के लिए प्रशिक्षण केन्द्र स्थापित करने की मांग कुलपति से की.