Madhubani: पुरानी बाजार के एक घर से 8 लाख की नशीली दवाएं जब्त
यह कार्रवाई सहायक औषधि नियंत्रक द्वारा गठित धावा दल के द्वारा हुई
मधुबनी: नगर परिषद के झंझारपुर पुरानी बाजार के एक घर से लगभग आठ लाख मूल्य के प्रतिबंधित अंग्रेजी नशीली दवा जब्त की गई है. यह कार्रवाई सहायक औषधि नियंत्रक द्वारा गठित धावा दल के द्वारा की. सहायक औषधि निरीक्षक प्रदीप कुमार के आवेदन पर अमित नायक को नामजद करते हुए प्राथमिकी दर्ज की जा रही है. धावा दल में शामिल सदस्यों में गोविंद कुमार, अजय कुमार राय, विकास कुमार गुप्ता, किरण कुमारी एवं संगीता कुमारी है. सभी लोग सबसे पहले बाजार के नायक फार्मा की दुकान पर छापेमारी की. टीम के किसी भी सदस्यों को नायक फार्मा दुकान में कोई भी सामग्री नही मिली. सूचना पक्की थी. पूरी टीम अमित नायक के घर पहुची. भारी मशक्कत के बाद कार्टन में दवा मिली. प्रतिबंधित दवा में नाइट्रोजी पाम, ट्रामाडोल, कोडिंग सिरप व अन्य शामिल थे. जिसे जब्त किया गया. जब्त दवा की अनुमानित कीमत लगभग 8 लाख रुपए है. ड्रग इंस्पेक्टर के आवेदन पर मामला दर्ज किया जा रहा है. ड्रग इंस्पेक्टर ने बताया कि यह करवाई आगे भी जारी रहेगी. थानाध्यक्ष रंजीत कुमार ने बताया कि भारी मात्रा में जब्त दवा की जब्ती सूची बनाई जा रही है. सूची के बाद प्राथमिकी दर्ज की जाएगी. आरोपी के बैकवर्ड और फॉरवर्ड लिंक को भी तलाश कर अनुसंधान की जाएगी. मोबाइल कनेक्शन भी टटोला जाएगा. घर पर नशीली दवा रखकर बेचने की जानकारी मिलने से लोग हतप्रभ है.
अपहरण के बाद नाबालिग से रेप मामले में 10 वर्ष की सजा: पोक्सो कोर्ट के स्पेशल जज डीजे दिवेश कुमार की अदालत ने अपहरण के बाद नाबालिग से दुराचार करने के आरोप में दोषी करार दिए गए रूवण कुमार दास को दस वर्ष की कारावास की सजा सुनाई है. कोर्ट ने उसपर अलग-अलग धाराओं में 20 हजार रुपए जुर्माना भी लगाया है.
स्पेशल पीपी मधु रानी ने बताया कि जुर्माना नहीं देने पर अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी होगी. बताया कि वर्ष 2023 में लखनौर थाना क्षेत्र में घटना घटी थी. बच्ची शोच के लिए घर से बाहर निकली इसी दौरान रुवण दास ने अपने अन्य साथियों के मदद से उसका अपहरण कर लिया. उन्होंने बताया कि बच्ची को हिमाचल प्रदेश में छुपाकर रखा था. वहां आरोपित ने जबरदस्ती शादी कर बच्ची के साथ शारीरिक संबंध भी बनाया. बाद में पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया. स्पेशल पीपी ने बताया कि अनुसंधान में आरोप सही पाए जाने पर आरोपित के खिलाफ न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल किया था.