हादसे में अपनों को खोया, दो साल बाद भी मुआवजे को टकटकी

मुआवजे के लिए पीड़ित परिवार जिला से लेकर प्रखंड के दफ्तरों के चक्कर काट रहे हैं

Update: 2024-03-23 05:37 GMT

मुजफ्फरपुर: सड़क दुर्घटना में मौत के बाद परिजन को मुआवजे के लिए अंतहीन इंतजार करना पड़ रहा है. जिले में मौत के दो साल बाद भी मुआवजा नहीं मिल पा रहा है. 2021 के 52 ऐसे मामले लटके हुए हैं, जिनमें मुआवजे के लिए पीड़ित परिवार जिला से लेकर प्रखंड के दफ्तरों के चक्कर काट रहे हैं. राशि आने के बावजदू पीड़ित परिवारों को नहीं मिल पा रही है.

2022 के बाद दुर्घटना मुआवजे से संबंधित मामले की सुनवाई मोटर वाहन दुर्घटना न्यायाधिकरण को करनी है. यह प्रक्रिया मुजफ्फरपुर में जनवरी 2024 से शुरू की गई है. इससे पीड़ित परिवारों को उम्मीद जगी है. अबतक ऑनलाइन और ऑफलाइन (वर्ष 2022 के पूर्व के मामले) मिलाकर 0 मामले न्यायाधिकरण को ऑनलाइन मिले हैं. इनमें 81 पीड़ितों को न्यायाधिकरण ने अपना पक्ष रखने को लेकर बुलाया है. वहीं 96 मामले में सुनवाई न्यायाधिकरण की ओर से शुरू कर दी गयी है.

न्यायाधिकरण को ऑनलाइन करना है आवेदन बिहार मोटर वाहन दुर्घटना न्यायाधिकरण ने पीड़ित परिवारों से अपील की है कि वह दुर्घटना के छह माह के अंदर मुआवाजा के लिए ऑनलाइन आवेदन करें. www. accidentclaim. bihar. gov. in पर ऑनलाइन आवेदन करना है. आवेदन के सत्यापन, पोस्टमार्टम रिपोर्ट और पुलिस की रिपोर्ट के बाद न्यायाधिकरण सुनवाई करेगा और पीड़ित परिवार को मुआवाज देगा.

5 लाख से ज्यादा में होती देरी

न्यूनतम पांच लाख का दावा करने वाले पीड़ित परिवारों के मामले को एक माह के अंदर ही निष्पादित किया जाता है. वहीं इससे अधिक के मामले में पीड़ित को कोर्ट में सुनवाई और गवाही से गुजरना होता है. ऐसे में समय भी लगता है. बताया गया कि पीड़ित परिवार को दुर्घटना में मौत में मिलने वाला मुआवजा न्यायाधिकरण से ही मिलता है. वर्ष 2022 से पहले आपदा विभाग से मुआवजा का प्रावधान था.

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