पटना न्यूज़: राज्य में जहरीली शराब से मरने वाले लोगों के आश्रितों को चार लाख रुपये का अनुग्रह अनुदान मुख्यमंत्री आपदा राहत कोष से दिया जाएगा. यह जानकारी उत्पाद एवं मद्य निषेध मंत्री सुनील कुमार ने विकास भवन में प्रेस वार्ता में दी. कहा कि इसके लिए शराबबंदी कानून के प्रावधान में कोई बदलाव नहीं किया गया है और न ही किसी तरह की राहत ही दी जाएगी. शराबबंदी कानून बदस्तूर लागू रहेगी. पूर्ण शराबबंदी कानून के 5 अप्रैल 2016 से लागू होने के बाद से अब तक जितने लोगों की जहरीली शराब से मौत हुई है, उन सभी को अनुदान दिया जाएगा.
वर्ष 2016 से अब तक हो चुकीं करीब 32 घटनाएं
गत 5 अप्रैल 2016 से राज्य में लागू पूर्ण शराबबंदी कानून के बाद से अब तक जहरीली शराब से जुड़ी करीब 32 घटनाएं हो चुकी हैं. इनमें 200 से अधिक लोगों की मौत हुई है. लगभग 269 लोगों की मौत संदिग्ध हालत में हुई है. यानी इनकी मौत के कारण में जहरीली शराब की पुष्टि नहीं हो पाई है. सबसे पहली घटना 16 अगस्त 2016 को गोपालगंज के खजुरबनी इलाके में हुई थी, जिसमें 19 लोगों के मौत की पुष्टि हुई थी. दूसरी घटना 25 जुलाई 2017 को गोपालगंज के उचकागांव में हुई थी, जिसमें एक व्यक्ति के मौत की पुष्टि हुई थी. तीसरी घटना, 28 अक्टूबर 2017 को रोहतास के कच्छवां थाना क्षेत्र में हुई थी, जिसमें 4 लोगों की जान चली गई थी. 15 नवंबर 2017 को वैशाली के बरांटी ओपी के राजापाकड़ में हुई, जिसमें तीन लोगों की मौत हो गई थी. 24 अगस्त 2018 को मुजफ्फरपुर के मोतीपुर थाना में हुई घटना में एक व्यक्ति की मौत हुई. 17 फरवरी 2021 को मुजफ्फरपुर के कटरा थाना में हुई, जिसमें पांच लोगों की मौत हुई. 29 मार्च 2021 को नवादा के नगर थाना में हुई घटना में 11 लोगों की मौत हो गई थी. 9 जुलाई 2021 को पश्चिम चंपारण के लौरिया एवं रामनगर थाना क्षेत्र में हुई घटना में 12 लोगों की मौत हुई थी. इसके अलावा हाल में 14 दिसंबर 2022 को सारण के इशुआपुर एवं मशरक में हुई घटना में 42 लोगों की मौत हो गई थी. शराबबंदी कानून लागू रहते जहरीली शराब से सबसे ज्यादा लोग खजुरबनी के पहले कांड में 19 लोगों की मौत हो गई थी. इसके बाद 17 दिसंबर 2022 को सारण के मशरक एवं इसुआपुर थाना क्षेत्र में हुए कांड में 42 लोगों की मौत हो गई थी.