बिहार में वज्रपात का कहर, राज्य के 8 जिलों में 20 लोगों की मौत

बिहार में आंधी-बारिश के बीच आसमानी आफत कहर बनकर टूट रही है।

Update: 2022-07-27 01:58 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। बिहार में आंधी-बारिश के बीच आसमानी आफत कहर बनकर टूट रही है। राज्य में बीते 24 घंटे के भीतर वज्रपात से 20 लोगों की मौत हो गई। सबसे ज्यादा कैमूर जिले में 7 लोगों की जान गई। पटना और भोजपुर जिले में भी मंगलवार को 4-4 लोगों ने ठनका की चपेट में आने के बाद दम तोड़ दिया। इसके अलावा जहानाबाद, रोहतास, औरंगाबाद, सीवान और अरवल जिले में एक-एक शख्स की मौत हुई। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मृतकों के परिजन को 4-4 लाख रुपये की सहायता राशि देने के निर्देश दिए हैं।

कैमूर जिले में मंगलवार को आकाशीय बिजली ने कहर ठाया। जिले में कुल 7 लोगों की ठनका की चपेट में आने से मौत हो गई। चांद थाना इलाके के मोहनपुर गांव में दो सगी बहनों पर ठनका गिरने से उनकी जान चली गई। एक की उम्र 17 साल और एक की महज 8 साल थी। गोई गांव में भी धान की रोपनी कर रही 20 महिलाओं पर आकाशी बिजली गिर गई। इससे एक महिला की मौत हो गई और अन्य घायल हो गईं।
पटना जिले के मनेर में खेत में काम कर रहे दो लोगों की ठनका गिरने से मौके पर ही मौत हो गई। सिंघाड़ा पंचायत के बाजितपुर गांव में भी एक महिला की इसी तरह जान चली गई। बिक्रम के रानीतालाब थाना इलाके में स्थित डोरापुर गांव में खेत में ही काम कर रहे एक शख्स की वज्रपात की चपेट में आने के बाद मौत हो गई।
भोजपुर जिले में संदेश स्थित सोन नदी में मंगलवार शाम को सोन नदी में नहाने गए एक शख्स पर आकाशीय बिजली गिर गई। उसने नदी के अंदर ही दम तोड़ दिया। मृतक का शव नदी के पानी में तैरते हुए मिला तो उसे बाहर निकाला गया।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने वज्रपात की वजह से जान गंवाने वाले सभी लोगों के परिवार के प्रति गहरी संवेदना जताई है। उन्होंने मृतकों के परिजन को जल्द सहायता राशि जारी करने के निर्देश दिए। साथ ही लोगों से खराब मौसम में सावधानी बरतने की अपील की। सीएम ने कहा कि वज्रपात के दौरान लोग पक्के मकानों की शरण लें और पेड़ या बिजली के खंभे के नीचे नहीं खड़े रहें।
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