हत्या करने वाले भाइयों को उम्रकैद

25 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया

Update: 2023-08-21 04:56 GMT

रोहतास: बहराड़ गांव में करीब सवा तीन साल पहले मामूली विवाद में श्रीराम सिंह की हत्या के मामले में अपर जिला जज पांच रजनी कुमारी की अदालत ने दो सहोदर भाइयों को उम्रकैद की सजा सुनाई. अदालत ने सहोदर भाइयों में से एक अभियुक्त बहराड़ निवासी संतोष सिंह पर 15 हजार रुपए और सुशील सिंह उर्फ मुनन सिंह पर 25 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है.

जुर्माना जमा नहीं करने पर अभियुक्तों को एक-एक साल की अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी होगी. जुर्माना में से 50 फीसदी राशि पीड़ित परिवार को भुगतान का अदालत ने आदेश दिया है. वहीं जिला विधिक सेवा प्राधिकारी को पत्र जारी कर कहा है कि मामले की अपने स्तर से जांच कर पीड़ित परिवार को दो माह के भीतर उचित मुआवजा प्रदान करने को भी कहा है. मामले की प्राथमिकी सासाराम मुफस्सिल थाना क्षेत्र के बहराड़ निवासी मीना देवी ने दर्ज कराई थी. फर्दबयान में मीना का कहना था कि 10 फरवरी 2020 की शाम पांच बजे मेरा बेटा कृष्ण कुमार अपने चचेरे भाई आयुष कुमार के साथ अपने दरवाजा पर क्रिकेट खेल रहा था. खेल के दौरान गेंद सुशील सिंह उर्फ कुंदन सिंह की मेरे दरवाजे पर रखी गिट्टी पर चला गया था. तब गेंद को आयुष लेने गया था. उसी बात पर सुशील सिंह गाली गलौज करते हुए उसके साथ मारपीट करने लगा. कहने लगा कि आज इसको जान से मार देंगे. इस बात पर मेरी मौसिया सास दुलारो कुंअर बोली कि इसका जान इतना सस्ता है कि तू मार दोगे. तब तक मेरे पति श्रीराम सिंह वहां आए और दोनों पक्षों को समझा कर शांत कर दिए. लेकिन सुशील सिंह गाली देते हुए कह रहा था कि हम जान से मार देंगे. इतने में सुशील सिंह की पत्नी कुंती देवी तथा उसकी बड़ी बेटी प्रिया कुमारी व मंझली बेटी प्राची कुमारी ने अपने घर से देसी कट्टा निकालकर सुशील सिंह को दिया. कही कि यह लोग बहुत बोलता है. इन्हें जान से मार दो. इतने में सुशील सिंह का छोटा भाई संतोष सिंह भी दौड़कर आया और मेरे पति श्रीराम सिंह को पकड़ लिया. सुशील सिंह ने कट्टा से मेरे पति को गोली मार दिया. जो मेरे पति की नाक के बगल में लग गया और वह वहीं गिर पड़े. तब सभी लोग वहां से भाग गए. तब हल्ला पर मेरे जेठ दौड़कर आए. मेरे पति को इलाज के लिए हॉस्पीटल ले गए. परंतु उनकी अस्पताल पहुंचने से पहले मौत हो गई थी. अनुमंडल अभियोजन पदाधिकारी चंद्र प्रकाश ने बताया कि ट्रायल के दौरान अदालत में अभियोजन पक्ष की तरफ से आठ लोगों को पेश किया गया था. अदालत ने अभियोजन व बचाव पक्ष की दलीलें सुनने के बाद अभियुक्त संतोष सिंह को हत्या व सुशील सिंह उर्फ मुनन सिंह को हत्या व शस्त्रत्त् अधिनियम में दोषी पाया व सजा सुनाई.

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