बिहार में ड्रोन गवर्नेंस हो सकता है लागू, इन क्षेत्रों में मिलेगी मदद, जानें कौन से विभाग क्या कर सकते हैं उपयोग

बिहार में ड्रोन के व्यापक उपयोग पर मंथन होने लगा है। अगर इसे बढ़ावा मिले तो प्रदेश में ड्रोन गवर्नेंस का सपना साकार हो सकता है।

Update: 2022-02-17 02:22 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। बिहार में ड्रोन के व्यापक उपयोग पर मंथन होने लगा है। अगर इसे बढ़ावा मिले तो प्रदेश में ड्रोन गवर्नेंस का सपना साकार हो सकता है। पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश समेत देश के दर्जन भर राज्यों ने कृषि, वन, स्वास्थ्य, शहरी विकास, अपराध नियंत्रण, बिजली और दूसरे कई क्षेत्रों में व्यापक सुधार लाए हैं। साथ ही सरकारी सेवाओं को जनता तक सहज और सुलभ बनाया है। बिहार में भी अगर इस दिशा में नीतिगत पहल हो तो बाढ़ के दौरान ग्राउंड रिपोर्ट लेने से लेकर बिजली का फॉल्ट सुधारने और शराब माफियाओं के साथ ही बालू माफियाओं पर काबू पाने में भी इसका उपयोग हो सकता है।

11 विभागों में ड्रोन आ सकता है काम
केंद्र सरकार के ड्रोन नीति लाने और 2022-23 के केंद्रीय आम बजट में ड्रोन के बड़े पैमाने पर उपयोग के लिए प्रावधान करने के बाद राज्य में भी सर्विस डिलीवरी को सहज करने के लिए इसकी जरूरत महसूस की जाने लगी है। अभी 17 ड्रोन दियारा इलाके में अवैध शराब की टोह ले रहे हैं। सीमित स्तर पर टाल इलाके में भी दवाओं के छिड़काव में इसका उपयोग किया गया है। इसके अलावा स्वामित्व योजना के तहत जमीनों के नक्शे बनाने में भी सर्वे ऑफ इंडिया राज्य में इसका उपयोग कर रही है।
कौन से विभाग क्या कर सकते हैं उपयोग
मद्य निषेध विभाग
-अवैध शराब के उत्पादन और आपूर्ति की निगरानी करने में।
खान विभाग
-खनिजों वाले इलाके के भूगर्भ की स्थिति पता करने और बालू माफियाओं पर अंकुश लगाने में।
कृषि विभाग
-फसलों पर दवाओं के छिड़काव करने में।
स्वास्थ्य विभाग
-10 किलोमीटर के दायरे में दवाओं और वैक्सीन के तुरंत पहुंचाने में ।
राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग
- जमीन के सर्वेक्षण और नक्शा आदि बनाने में।
नगर विकास विभाग
-शहर में हो रहे अवैध निर्माण और जलजमाव अथवा ड्रेनेज सिस्टम की निगरानी में।
जलसंसाधन विभाग
-नहरों में आ रहे पानी के प्रवाह और तटबंधों पर दबाव की नियमित निगरानी में।
आपदा प्रबंधन विभाग
-बाढ़, सुखाड़, ओला, पाला आदि की स्थिति के आकलन और त्वरित कदम उठाने में।
पुलिस विभाग
-दंगा, उपद्रव, भीड़, ट्रैफिक जाम आदि की स्थिति की निगरानी में।
ऊर्जा विभाग
-बिजली की संचरण लाइन या आपूर्ति लाइन में फॉल्ट का पता करने और ठीक करने में भी इसका उपयोग किया जा सकता है।
वन विभाग
-जंगलों में कटाई की निगरानी। आग लगने की स्थिति में बुझाने में।
दूसरे राज्य कितना आगे बढ़े
उत्तर प्रदेश
कृषि और स्वास्थ्य सेवाओं में व्यापक तौर पर उपयोग किया जा रहा है।
मध्यप्रदेश
राज्य सरकार कुशल मानव संसाधन तैयार करने और व्यापक उपयोग को बढ़ावा देने के लिए पांच ड्रोन स्कूल खोलने की घोषणा कर चुकी है।
उत्तराखंड
ड्रोन रिसर्च एंड एप्लीकेशन लैब स्थापित कर इसके उपयोग के नए-नए आयाम खोजे रहे हैं।
तमिलनाडु
बड़े पैमाने पर जंगलों और कृषि के लिए उपयोग किया जा रहा है।
केरल
पुलिस विभाग की ओर से ड्रोन फोरेंसिक लैब की स्थापना कर अपराध अनुसंधान में ड्रोन के रिकॉर्ड का उपयोग किया जा रहा है।
तेलंगाना
वैक्सीन पहुंचाने में उपयोग किया जा रहा है।
बिहार में भी रोजगार बढ़ाएगी ड्रोन इकोनॉमी
बिहार में भी ड्रोन अब शादी-विवाह की फोटोग्राफी के कौतुक से आगे निकल चुका है। यह अब अर्थव्यवस्था का महत्वपूर्ण आयाम है। इसके निर्माण से लेकर अलग-अलग उपयोग की विशेषज्ञता में बड़े पैमाने पर रोजगार पैदा हो सकता है। इसके लिए ड्रोन इकोनॉमी का पूरा चक्र प्रदेश में स्थापित करने की जरूरत है।
आखिर क्यों खास है ड्रोन
-यह काफी कम समय में बड़े इलाके की निगरानी कर सकता है।
-स्थिति का मुआयना कर लंबे समय तक रिकॉर्ड रख सकता है।
-रिकॉर्ड को लंबे समय तक संग्रह भी रख सकता है।
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