Katihar: मशीन से मक्का की रोपाई का क्रेेज बढ़ा

Update: 2025-01-01 07:06 GMT

कटिहार: हसनगंज प्रखंड क्षेत्र के किसान आधुनिक खेती की ओर अग्रसर हो रहे हैं. कालसर पंचायत के प्रगतिशील युवा किसान मिठ्ठू कुमार आदि ने अपने खेत में हस्त चलित रोपा मशीन से मक्का की रोपाई कर रहे हैं. युवा किसान मिठ्ठू कुमार, अब्दुल वाहिद, किसान सह राजद प्रखंड अध्यक्ष श्रीलाल उरांव आदि ने बताया कि इस प्रकार की पद्धति से मक्का रोपाई करने के लिए सबसे पहले खेतों के मिट्टी को जोत से तैयार कर भूमि पर विधा से लाइनिंग खींचा जाता है. फिर बाद में इस आधुनिक मशीन के द्वारा इस खींची लाइनिंग पर चला कर बीज रोपनी किया जाता हैं. जो इस दौर के लिए बहुत खेती करना आसान साबित होने लगा हैं. मजदूरों की किल्लत को लेकर कई किसानों की माने तो ग्रामीण इलाकों में प्रदेश पलायन रुकने का नाम नहीं ले रहा है.

इसकी खामियाजा ग्रामीण इलाके के किसानों को भुगतना पड़ रहा हैं. समय पर मजदूर का नहीं मिलना किसानों को मक्का फसल रोपनी, धान फसल कटनी आदि को लेकर समस्या झेलना पड़ता हैं. इस प्रक्रिया में पारंपरिक खेती की तुलना में कम ही बीज लगता है. वहीं मजदूरों से रोपाई करवाने के खर्च की अपेक्षा लगभग आधे खर्च में रोपाई हो जाती है. इससे समय श्रम परेशानी की बचत और फसल भी अच्छी होती है. जबकि मजदूरों से रोपनी कराने में बीज का बर्बादी हैं. रोपनी की लाइनिंग में एक से अधिक बीज दिया चला जाता है. इस वजह से मशीन मक्का रोपनी के लिए वरदान साबित होता दिख रहा है. इस विधि को देखकर क्षेत्र के अन्य किसान काफी प्रभावित हुए हैं.

इस मशीन से बुआई के कई फायदे हैं. कई बार मजदूर समय से नहीं मिल पाते हैं और बुआई में देरी हो जाती है. साथ ही बुआई का खर्च भी पहले से ज्यादा है. इस मशीन से रोपनी करने से न सिर्फ समय की बचत होती है बल्कि कम खर्च भी होता है. यही नहीं रोपनी में बीज की दूरी और लाइनिंग भी अच्छा रहता हैं. किसानों को काफी आसान होता दिख रहा हैं.

- पंकज कुमार, कृषि वैज्ञानिक

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