मुजफ्फरपुर। कुढ़नी में जेडीयू और बीजेपी में कांटे की टक्कर चल रही है, लेकिन कई ऐसे पहलू हैं जिससे ये एहसास होता है कि जेडीयू कैंडिडेट मनोज कुशवाहा का पलड़ा थोड़ा भारी है। कुढ़नी में महागठबंधन की मजबूती के कई कारण हैं। एक तरफ आरजेडी, जेडीयू, कांग्रेस और लेफ्ट सहित सात दलों का एक मजबूत गठबंधन है तो दूसरी तरफ बीजेपी और चिराग का एक ढ़ीलाढ़ाला गठजोड़ है।
तेजस्वी ने खेला इमोशनल कार्ड
वहीं तेजस्वी यादव ने जेडीयू कैंडिडेट मनोज कुशवाहा की जीत के लिए इमोशनल कार्ड भी खेला है। तेजस्वी यादव ने दावा किया कि अगर कुढ़नी जीत जाएंगे तो पिता लालू यादव भी पूरी तरह स्वस्थ हो जाएंगे। तेजस्वी ने बताया कि वे तीन दिसंबर को सिंगापुर जा रहे हैं। पांच दिसंबर को पिता लालू यादव का ऑपरेशन है। तेजस्वी ने कहा कि पिता जब ऑपरेशन के बाद होश में आएं तो वे कुढ़नी की जीत के बारे में बताना चाहते हैं। कुढ़नी का जातीय समीकरण भी महागठबंधन कैंडिडेट को ताकत दे रहा है। अगर कुशवाहा, यादव, कुर्मी और मुस्लिमों की एकमुश्त वोटिंग हो जाए तो जेडीयू कैंडिडेट मनोज कुशवाहा की जीत पक्की हो जाएगी। तेजस्वी यादव की जनसभा के बाद यादव वोटों में बिखराव का खतरा खत्म हो गया है।
भूमिहार वोटरों के बंटने से BJP को होगा नुकसान
वहीं कुढ़नी में ओवैसी फैक्टर भी काम नहीं कर रहा है। गोपालगंज में मरहूम शहाबुद्दीन के परिवार की आरजेडी में अनदेखी की वजह से मुस्लिमों में नाराजगी थी, लेकिन कुढ़नी में शहाबुद्दीन फैक्टर का असर नजर नहीं आ रहा है। ऐसे में ये माना जा रहा है कि मुस्लिमों के वोट बैंक में कुढ़नी में बिखराव ना के बराबर होगा। इससे सीधा नुकसान बीजेपी कैंडिडेट केदार गुप्ता को होगा। वहीं कुढ़नी के भूमिहार वोट बैंक में बिखराव होने से बीजेपी को सीधा नुकसान होगा। भूमिहार जाति के युवा वोटरों में वीआईपी कैंडिडेट निलाभ कुमार के प्रति आकर्षण देखा जा रहा है। साथ ही जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह भी भूमिहार बहुल इलाकों का तुफानी दौरा कर समर्थन मांग रहे हैं। इसका भी असर कुछ ना कुछ जरुर नजर आएगा। अगर भूमिहार वोट बंट गए तो इसका सीधा नुकसान बीजेपी कैंडिडेट को उठाना पड़ेगा।
मुकेश सहनी ने कर दिया बड़ा खेला
कुढ़नी उपचुनाव में विकासशील इंसान पार्टी सुप्रीमो मुकेश सहनी ने बड़ा खेला कर दिया है। इस खेल की सबसे ज्यादा मार बीजेपी पर पड़ी है। बीजेपी कुढ़नी उपचुनाव में भूमिहार वोटरों को अपना कोर वोटर मानकर चल रही है। इसी बीच वीआईपी ने भूमिहार समाज से आने वाले स्थानीय युवा नीलाभ कुमार को टिकट देकर बीजेपी का पूरा समीकरण ही बिगाड़ दिया है। कुढ़नी के स्थानीय वोटर खुलेआम चौक-चौराहों पर नीलाभ कुमार के समर्थन की बात कर रहे हैं। जैसे गोपालगंज में ओवैसी की पार्टी ने आरजेडी का खेल बिगाड़ दिया था। ठीक वैसे ही कुढ़नी में बीजेपी के लिए वीआईपी सिरदर्द साबित हो रही है। बीजेपी भूमिहार वोटरों के खिसकने से पूरी तरह परेशान लग रही है। लाख कोशिश करने के बावजूद बीजेपी के नेताओं को इसकी काट नहीं मिल पा रही है। वहीं नीतीश सरकार के कामकाज का भी कुछ फायदा जेडीयू कैंडिडेट मनोज कुशवाहा को जरुर मिलेगा। नीतीश बाबू ने कहा कि बीजेपी केवल हिंदू मुसलमान की बात करती है। लेकिन जेडीयू सबको साथ लेकर विकास का काम कर रही है। अब साफ है कि अभी कुढ़नी में महागठबंधन बीजेपी पर बीस नजर आ रही है।