जेल अधीक्षक और सहायक जेल अधीक्षक की हत्या, दो शूटरों ने वारदात को दिया अंजाम
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मुजफ्फरपुर केंद्रीय कारा में बंद समस्तीपुर के एक कुख्यात ने जेल अधीक्षक बृजेश सिंह मेहता और सहायक जेल अधीक्षक पंकज चौधरी की हत्या की साजिश रच डाली। उसने दो शूटरों को भी शहर बुलवा लिया था, लेकिन पुलिस सर्विलांस सेल को इसकी भनक लग गई। पुलिस की घेराबंदी से घबराकर दोनों फरार हो गए। अब दोनों जेल अधिकारियों की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। जिला पुलिस बल से बॉडीगार्ड मुहैया कराया गया है।
जेल से गिरोह का संचालन कर रहे समस्तीपुर के कुख्यात का मोबाइल जब्त कर लिया गया था। उसने सिम लौटाने का दबाव जेल अधीक्षक व सहायक जेल अधीक्षक पर बनाया था, लेकिन दोनों अधिकारियों ने इनकार कर दिया। उन्होंने पूरे जेल में मोबाइल के खिलाफ अभियान चला दिया। जेल गेट पर बंदियों के सामान की जांच सख्ती से शुरू कर दी। इससे जेल में मादक पदार्थ पहुंचना मुश्किल हो गया है। इससे नाराज जेल में बंद कुख्यात ने जेल अधीक्षक व सहायक जेल अधीक्षक की हत्या की साजिश रच डाली।
जेल के अधिकारियों को बॉडीगार्ड दिए जाने को लेकर मुख्यालय ने एसएसपी जयंतकांत से रिपोर्ट मांगी है। पूछा है कि किस गैंग से किस तरह का खतरा है। इसकी वजह क्या है। बता दें कि बृजेश सिंह मेहता मुजफ्फरपुर से पहले बेगूसराय में जेल अधीक्षक थे। वहां उनकी कुख्यात मुरारी सिंह से ठन गई थी। इसके बाद बेगूसराय में भी उन्हें बॉडीगार्ड दिया गया था। अब मुजफ्फरपुर के शहीद खुदीराम बोस केंद्रीय कारा में बंद समस्तीपुर के अपराधी गैंग से उनकी ठनी हुई है।
एसएसपी जयंतकांत के अनुसार जेल के अधिकारियों पर खतरे को लेकर सूचना प्राप्त हुई थी। इस आधार पर उन्हें सुरक्षा मुहैया कराई गई है। समस्तीपुर के कुख्यात से जुड़े अपराधियों की गतिविधि की जानकारी जुटाकर कार्रवाई की जा रही है।