Patna पटना। जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर को शनिवार को पटना के एक अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। पार्टी ने एक बयान में यह जानकारी दी। हालांकि, 47 वर्षीय पूर्व राजनीतिक रणनीतिकार ने पिछले महीने आयोजित बीपीएससी परीक्षा में कथित अनियमितताओं के विरोध में 2 जनवरी को शुरू किया गया 'आमरण अनशन' जारी रखा है। बयान में कहा गया है, "बीपीएससी उम्मीदवारों के समर्थन में प्रशांत किशोर का 'अनशन' जारी है।
उनके स्वास्थ्य में सुधार होने के बाद शाम को उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। उनके 'सत्याग्रह' के बारे में आगे की जानकारी कल दी जाएगी।" गौरतलब है कि किशोर को मंगलवार को निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इससे एक दिन पहले पुलिस ने उन्हें शहर में एक ऐसे स्थान पर धरना देने के लिए गिरफ्तार किया था, जहां इस तरह के आंदोलन प्रतिबंधित हैं। इसके कुछ घंटे बाद ही अदालत ने उन्हें जमानत दे दी थी। उन्हें एक दिन के लिए आईसीयू में रखा गया, उसके बाद उन्हें सामान्य वार्ड में स्थानांतरित कर दिया गया, जबकि उनकी पार्टी के सहयोगियों ने उम्मीदवारों और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से युवा नेता पर अनशन खत्म करने के लिए दबाव बनाने का आग्रह किया।
इस बीच, कार्यकारी अध्यक्ष मनोज भारती के नेतृत्व में पार्टी के सात सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने राजभवन में राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान से मुलाकात की। बाद में पत्रकारों से बात करते हुए भारती ने कहा, "हमने राज्यपाल को एक ज्ञापन सौंपा, जिसमें उन्होंने प्रशांत किशोर के लंबे समय से चल रहे अनशन पर चिंता व्यक्त की। हमने उनसे कहा कि अगर मुख्यमंत्री नाराज उम्मीदवारों के प्रतिनिधिमंडल से बात करने के लिए सहमत होते हैं तो किशोर को अनशन खत्म करने के लिए राजी किया जा सकता है।" भारती ने दावा किया, "राज्यपाल ने हमें बताया कि यह संभव है और वह छात्रों के हित के साथ-साथ प्रशांत किशोर की भलाई के लिए मुख्यमंत्री से बात करेंगे।"