सरकारी अस्पतालों में रेडियोलॉजिस्ट के अभाव में नहीं हो रही जांच

इसकी जानकारी आरटीआई से प्राप्त सूचना से मिली

Update: 2024-04-22 03:48 GMT

दरभंगा: जिले के सरकारी अस्पतालों में केवल गर्भवती महिलाओं को ही अल्ट्रासाउंड की सुविधा मिल पाती है. अन्य मरीजों को निजी अल्ट्रासाउंड केंद्रों पर जाना पड़ता है. वहीं, अधिकतर निजी अल्ट्रासाउंड केंद्र नियमों की अनदेखी कर कार्य कर रहे हैं. हालांकि, पिले वर्ष प्रशासन ने जांच के दौरान 20 अल्ट्रासाउंड केंद्रों को सील किया था. इसकी जानकारी आरटीआई से प्राप्त सूचना से मिली है. जानकारी के अनुसार सदर व अनुमंडल अस्पताल में अल्ट्रासाउंड की मशीन लगी है. रेडियोलॉजिस्ट के अभाव में केवल गर्भवती महिलाओं को इसका लाभ मिल पा रहा है. यदि कोई महिला गर्भवती नहीं है और वह किसी अन्य बीमारी से ग्रसित है. तब उसे भी अल्ट्रासाउंड की सुविधा नहीं मिल पाती. उसे निजी अस्पताल में जाना पड़ेगा. डुमरांव स्थित नंदन गांव निवासी हरेकृष्ण सिंह ने जब इस संबंध में आरटीआई से इसकी जानकारी मांगी तो जवाब देते हुए सिविल सर्जन ने कहा है कि रेडियोलॉजिस्ट के अभाव में यह सुविधा नहीं मिल पा रही है. विभाग की ओर से रेडियोलॉजिस्ट पद पर बहाली होते ही सभी को यह सुविधा मिलने लगेगी.

महिला विशेष करती है अल्ट्रासाउंड गर्भवती महिलाओं को परेशानी न हो. इस कारण महिला विशेषज्ञ डॉक्टर इस कार्य को संपादित करती है. सदर अस्पताल में इस पर पर डॉ़ अवनी कुमारी की पोस्टिंग है. यदि वह किसी कारण छुट्टी पर चली जाती है. तब उस दिन आने वाली गर्भवती महिलाओं को अल्ट्रासाउंड कराए बगैर वापस लौटना पड़ता है. सदर अस्पताल से मिली जानकारी के अनुसार प्रतिदिन कम से कम 30 महिलाओं को इसका लाभ मिलता है. वहीं, डुमरांव अनुमंडल अस्पताल में अल्ट्रासाउंड मशीन काफी दिनों से रखा था. डीएम ने इस मशीन का उद्घाटन किया था. इसके बाद इसका जिम्मा सिमरी प्रखंड में पदस्थापित डॉ.प्रेमचंद्र प्रसाद को दिया गया है. वे सप्ताह में दो दिन व को ही अल्ट्रासाउंड करते हैं.

नियम विरूद्ध चलते हैं निजी अल्ट्रासाउंड केंद्र सिविल सर्जन कार्यालय में करीब 44 निजी अल्ट्रासाउंड केंद्र रजिस्टर्ड हैं. पिले वर्ष प्रशासन ने निबंधित व 12 गैर निबंधित अल्ट्रासाउंड केंद्रों की जांच की थी. जिसमें अनियमितता पाई गई थी. प्रशासन ने इन सबको सील कर दिया था. आरटीआई से मिली जानकारी के अनुसार 19 के विरूद्ध मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी के यहां वाद दायर किया गया है.

जबकि, एक संचालक की मौत हो गई है. सूत्रों का कहना है कि जिन अल्ट्रासाउंड केंद्रों को सील किया गया है. उसमें से अधिक ने पिले दरवाजे से मशीन निकालकर दूसरे स्थान पर अपना केंद्र धड़ल्ले से चला रहे हैं. साथ ही, कई निजी गैर निबंधित केंद्र हैं. जहां न तो महिला विशेषज्ञ डॉक्टर हैं, न ही रेडियोलॉजिस्ट हैं. यहां मरीजों का खूब दोहन होता है.

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