जांच में 85 फीसदी शराब निकल रही नकली

अब तक पकड़ी जा चुकी 2.69 करोड़ लीटर शराब

Update: 2023-10-04 07:00 GMT

कटिहार: बिहार में जब्त होने वाली तस्करी की शराब में 80-85 फीसदी नकली (डुप्लीकेट) होती है. आश्चर्यजनक पहलू यह भी है कि ये सभी अंग्रेजी शराब से जुड़े मामले हैं. हालांकि, यह जहरीली तो नहीं होती, लेकिन इन नकली शराब का निर्माण राज्य के बाहर अवैध तरीके से किया जाता है. असली शराब में कुछ खास तरह के रसायन, पानी और नशीली दवाओं को मिलाकर इनका निर्माण किया जाता है. इसका सेवन करने वाले लोगों को तुरंत तो नहीं, लेकिन कुछ समय बाद बुरा प्रभाव पड़ता है. जब्त की गई तस्करी की शराब के सैंपल की जांच उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग के पटना के कुम्हरार में मौजूद इकलौते लैब में कराई जाती है. इसकी जांच रिपोर्ट में ही इस बात का खुलासा हुआ है.

यहां रोजाना विभिन्न स्थानों से जब्त कर लाई गई शराब की औसतन 150 सैंपल की जांच होती है. इसमें 80 से 85 फीसदी अर्थात 120 से 128 सैंपल नकली पाये जा रहे हैं. अंग्रेजी शराबों की बोतलें और इन पर चिपके रैपर, पैकिंग के डब्बे तो एकदम असली की तरह होते हैं, लेकिन इनके अंदर का माल मिलावटी होता है. आसपास के राज्यों में अवैध तरीके से नकली शराब बनाने की फैक्ट्री चल रही है. इसमें उन्हीं ब्रांडों की विदेशी शराब ज्यादा संख्या में नकली बनाई जाती है, जिनके मोनोग्राम या लोगो, बोतल और डब्बे की आसानी से कॉपी की जा सकती है. गौर हो कि राज्य में पूर्ण शराबबंदी कानून 5 अप्रैल 2016 से लागू है. मद्य निषेध विभाग कानूनी प्रावधानों के तहत सख्ती से कार्रवाई कर रहा है. बावजूद इसके शराब तस्कर विभिन्न पैंतरे आजमा कर चोरी-छिपे शराब बेचने की जुगत में लगे रहते हैं. बड़ी संख्या में तस्करी के शराब के साथ तस्कर, सप्लायर और माफियाओं की गिरफ्तारी लगातार हो रही है. इनके पास से जब्त अवैध शराब की जांच लैब में कराकर इन्हें नष्ट कर दिया जाता है. प्रत्येक जिला में इनके विनष्टिकरण की प्रक्रिया उत्पाद विभाग, स्थानीय पुलिस समेत अन्य महकमों के पदाधिकारियों की मौजूदगी में पूरी की जाती है.

अब तक पकड़ी जा चुकी 2.69 करोड़ लीटर शराब

शराबबंदी लागू होने के बाद 2016 से अगस्त 2023 तक पूरे राज्य में दो करोड़ 69 लाख लीटर शराब की बरामदगी हो चुकी है. इसमें देसी शराब की खेप भी शामिल है. इस अवधि के दौरान शराब तस्करी से जुड़े 9 लाख 70 हजार आरोपियों की गिरफ्तारी हो चुकी है. इसके अलावा शराब ढोने वाली 99 हजार गाड़ियां भी जब्त की जा चुकी हैं, इसमें 69 हजार गाड़ियों की नीलामी और करीब 8 हजार गाड़ियों से जुर्माना लेकर छोड़ा जा चुका है. शराबबंदी कानून में अप्रैल 2022 में संशोधन करते हुए शराब लदी गाड़ियों को जब्त करने के बजाए जुर्माना लेकर छोड़ने का प्रावधान कर दिया गया है.

जल्द खुलेगी चार और नई लैब

राज्य में जब्त शराब की जांच के लिए पटना के अलावा पूर्णिया, दरभंगा, भागलपुर और मुजफ्फरपुर में इसकी स्थापना होने जा रही है ताकि संबंधित इलाके के सैंपलों की जांच जल्द हो सके. राज्यभर में एक ही लैब होने के कारण जांच रिपोर्ट आने में अभी काफी समय लगता है.

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