नीतीश सरकार का निर्देश, बिहार में अब हर शुक्रवार को आमलोगों से अपने कार्यालय में मिलेंगे अधिकारी, क्षेत्र में जाकर करना होगा कार्यों का निरीक्षण
बिहार की नीतीश सरकार ने साफ किया है जिला से लेकर विभाग तक हर शुक्रवार को आमलोगों से पदाधिकारी अपने कार्यालय में मिलेंगे।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। बिहार की नीतीश सरकार ने साफ किया है जिला से लेकर विभाग तक हर शुक्रवार को आमलोगों से पदाधिकारी अपने कार्यालय में मिलेंगे। मिलने का समय निर्धारित कर अधिकारी उसे प्रचारित भी करेंगे। आमलोगों की शिकायतों-समस्याओं को पदाधिकारी सुनेंगे और उसका त्वरित निष्पादन सुनिश्चित कराएंगे। इसको लेकर मुख्य सचिव आमिर सुबहानी ने गुरुवार को सभी विभागीय आलाधिकारी, प्रमंडलीय आयुक्त और डीएम को निर्देश जारी किया है।
मुख्य सचिव ने कहा है कि महत्वपूर्ण कार्यक्रमों को त्वरित एवं प्रभावी ढंग से लागू करने, न्याय के साथ विकास को सुनिश्चित करने एवं प्रशासन को और अधिक संवेदनशील बनाने के मकसद से उक्त कार्रवाई अनिवार्य रूप से की जानी है। इसके अलावा और क्या-क्या करना है, इसको लेकर भी दिशा-निर्देश जारी किये गए हैं। हर सोमवार, मंगलवार और शुक्रवार को पदाधिकारी राज्य मुख्यालय में रहेंगे। अन्य दिनों में अपर मुख्य सचिव, प्रधान सचिव और सचिव क्षेत्रों का भ्रमण करेंगे और विभागीय कार्यों की निगरानी और समीक्षा करेंगे। सुनिश्चित करेंगे की विभाग की योजनाओं का प्रभावी क्रियान्वयन समय पर हो।
एससी-एसटी टोलों का भ्रमण अवश्य करेंगे
जारी निर्देश के मुताबिक पदाधिकारी अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के टोलों का भ्रमण अवश्य करेंगे। यह भी तय किया गया है कि राज्य मुख्यालय का क्षेत्रीय कार्यालय से केवल मंगलवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग होगी। जिलाधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग करने के पहले मुख्य सचिव से अनुमति लेना अनिवार्य होगा। जिलों के प्रभारी सचिव भी अपने जिले में माह में कम-से-कम एक बार अवश्य जाएंगे और विभागीय योजनाओं का स्थल निरीक्षण करेंगे।
आवासीय कार्यालय में कार्य निष्पादन वर्जित
मुख्य सचिव ने निर्देश दिया है कि प्रमंडल, जिला, अनुमंडल और प्रखंड स्तर के वरीय प्रशासनिक पदाधिकारी कार्यालय अवधि में अपने कार्यालय में अनिवार्य रूप से रहेंगे। कार्य अवधि में आवासीय कार्यालय से कार्यों का निष्पादन वर्जित रहेगा। जिला पदाधिकारी के स्तर पर वरीय पुलिस अधीक्षक और पुलिस अधीक्षक की उपस्थिति में विभिन्न पदाधिकारियों की नियमित बैठकें की जाएंगी। बैठक में उच्च विद्यालयों- महाविद्यालयों के प्राचार्य तथा छात्र संघों के प्रतिनिधि, नगर निकाय और पंचायती राज संस्थानों के प्रतिनिधि, किसान समूह, जिलों में चल रही सड़क, पुल, रेलवे लाइन, बिजलीघर निर्माण से जुड़ी एजेंसियों के प्रतिनिधि और चिकित्सकों का संघ आदि भी उपस्थित रहेंगे।