उपभोक्ताओं की संख्या में हुआ इज़ाफ़ा, जमीन नहीं मिलने से दो पावर सबस्टेशन पर संकट
अविलंब पावर सबस्टेशन नहीं बना तो आने वाले समस्या में पेसू और आम लोगों के लिए बिजली की समस्या गंभीर बन जाएगी
पटना: पुनपुन ईस्ट और एतवारपुर में तेजी से नई आबादी विकसित हो रही है. उपभोक्ताओं की संख्या बढ़ती जा रही है. बिजली के लोड में भी बढ़ोतरी हो रही है. अब इन दोनों इलाके में अलग से एक-एक पावर सबस्टेशन की जरूरत है. ताकि यहां के लोगों को मांग अनुरूप अनवरत बिजली मिल सके. लेकिन इसमें जमीन आड़े आ रही है. वर्तमान में तकरीबन एक लाख की आबादी यहां बस चुकी है. यह लगातार बढ़ती जा रही है. अविलंब पावर सबस्टेशन नहीं बना तो आने वाले समस्या में पेसू और आम लोगों के लिए बिजली की समस्या गंभीर बन जाएगी.
पीएसएस के लिए जमीन नहीं मिल पा रही पेसू पिछले एक साल से पावर सबस्टेशन बनाने के लिए सरकारी जमीन तलाश रहा है, लेकिन अभी तक जमीन उपलब्ध नहीं हो पाया है. इसी वजह से अभी मीठापुर पावर सबस्टेशन से पुनपुन ईस्ट और एतवारपुर को बिजली मिलती है. लगभग किलोमीटर दूर से दोनों इलाके को बिजली जा रही है. जिसके कारण अमूमन समस्या यह होती कि ब्रेकडाउन या बिजली संबंधित किसी तरह की खराबी होने पर उसे ठीक करने में कई बार घंटों लग जाता है. बिजलीकर्मियों को फॉल्ट ढूंढ़ने में काफी वक्त लगता है. यहां की करीब एक लाख की आबादी इससे प्रभावित होती है.
पीएसएस के लिए 600 एसक्वायर मीटर जमीन चाहिए पावर सबस्टेशन निर्माण के लिए 600 एसक्वायर मीटर जमीन चाहिए. यह जीआईएस तकनीक आधारित होगा. पेसू जमीन के लिए साहपुर, भोगीपुर, बादशाही नाला समेत अन्य आसपास के इलाके में जमीन तलाश चुकी है. कहीं जमीन नहीं मिल पा रही है. पेसू और आम लोगों के लिए यह आने वाले समय में बड़ी समस्या बनेगी. तेजी से यहां की आबादी बढ़ रही है.
एक पीएसएस बनने पर आपूर्ति आसान: पेसू का मानना है कि दो पीएसएस निर्माण की जरूरत है. इसमें एक भी बादशाही नाला के पास बन जाए तो बिजली आपूर्ति आसान हो जाएगी. बादशाही नाला के पास बनने से पुनपुन ईस्ट व एतवारपुर फीडरों की दूरी कम हो जाएगी. दोनों फीडरों को एक ही पीएसएस से जोड़ दिया जाएगा. उपभोक्ताओं के लिए बिजली आपूर्ति काफी सुगम हो जाएगी.