हर हाल में वर्ष 2025 तक बिहार के हर खेत में पहुंचेगा पानी, नीतीश सरकार ने बनाया ये प्लान
बिहार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पदाधिकारियों को निर्देश दिया है कि हर हाल में वर्ष 2025 तक राज्य के हर खेत तक सिंचाई का पानी पहुंचाएं।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। बिहार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पदाधिकारियों को निर्देश दिया है कि हर हाल में वर्ष 2025 तक राज्य के हर खेत तक सिंचाई का पानी पहुंचाएं। इसको लेकर तेजी से काम करें। उन्होंने कहा कि राज्य के अंदर नदियों को जोड़ने की दिशा में भी तेजी से काम करें, ताकि किसानों को सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध रहे। सीएम ने सात निश्चय-2 के तहत हर खेत तक सिंचाई का पानी निश्चय योजना की समीक्षा बैठक की।
दो भागों में बंटा जल संसाधन विभाग
मुख्यमंत्री ने कहा कि 8 जनवरी 2021 की बैठक में हर खेत तक सिंचाई निश्चय योजना के संबंध में एक-एक बात पर चर्चा हुई थी। बड़ी योजनाएं जल संसाधन विभाग को दी गई है। हमलोगों ने जल संसाधन विभाग को बाढ़ प्रबंधन और सिंचाई कार्य के लिए दो भागों में बांट दिया है, ताकि दोनों काम ससमय हो सके। उन्होंने कहा कि अभियंताओं के साथ बैठक कर तेजी से काम को आगे बढ़ाएं। स्थल पर भी जाकर किए जा रहे कार्यों की अद्यतन स्थिति की समीक्षा करें।
सीएम ने कहा कि टाल क्षेत्र के लिए कैसी-कैसी योजनाएं बनाई गई हैं, इससे आप सभी भलीभांति अवगत हैं। सभी तरह की सुविधा दी गयी है। कहा कि पहले समस्तीपुर बाढ़ से कितना प्रभावित होता था। बेगूसराय और खगड़िया में काफी समय जलजमाव रहता था। भागलपुर के दक्षिणी और उत्तरी भाग की कैसी स्थिति रहती थी। बाढ़ आने पर दरभंगा, सीतामढ़ी और शिवहर में तो स्थिति और अधिक भयावह रहती थी। बाढ़ आने पर सीतामढ़ी और शिवहर के इलाके में तो चार महीने तक आवागमन बाधित रहता था। चारों ओर पानी से यह इलाका डूबा रहता था। वर्ष 2005 में जाकर हमने देखा उसके बाद काफी काम कराया गया। अब सीतामढ़ी और शिवहर में आसानी से लोग वर्षों भर आवागमन करते हैं।
औरंगाबाद-कैमूर में चेकडैम बनवाएं
सीएम ने बांका, जमुई, भागलपुर, औरंगाबाद, कैमूर जैसे जिलों में चेकडैम बनवाने का निर्देश दिया। कहा कि चेकडैम से पर्यावरण संरक्षित और हरियाली बरकरार रहती है। ग्राउंड वाटर भी रिचार्ज होता है। जल संसाधन विभाग योजनाएं जल्द पूरा करे। इसके लिए जरूरत पड़े तो सेवानिवृत्त अभियंताओं की सेवा ले। लघु जल संसाधन विभाग को अगर किसी प्रकार की कठिनाई हो रही है तो वे कृषि विभाग के साथ बैठक कर इस काम में मदद लें।