पटना. फुलवारी शरीफ टेरर मॉडयूल (Phulwari Sharif Terror Module) की जांच को लेकर राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के आईजी (IG) आशीष बत्रा मंगलवार को दिल्ली से पटना आए हैं. पटना (Patna) पहुंचने पर सबसे पहले उन्होंने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) और गजवा-ए-हिंद (Ghazwa-e-Hind) के केस को लेकर बिहार एटीएस (ATS) के एडीजी रविंद्र शंकरण से मुलाकात की. इन दोनों शीर्ष आईपीएस अधिकारियों की बैठक लगभग दो घंटे तक चली. आशीष बत्रा ने इन दोनों केस से जुड़े हर एक पहलू को बड़ी बारीकी से एटीएस के एडीजी और अपने से सीनियर आईपीएस रविंद्र शंकरण से समझा. बाद में आईजी आशीष बत्रा पटना स्थित एनआईए (NIA) के कार्यालय भी गए जहां उन्होंने अपनी पटना और रांची से आई टीम के साथ मीटिंग की, और इन दोनों केस में अब तक की हुई जांच से जुड़ी जानकारी के साथ मिले सबूतों के बारे में जाना.
अपने जूनियर अधिकारियों के साथ बातचीत के दौरान आशीष बत्रा ने इन दोनों केस को और कैसे बेहतर तरीके से अनुसंधान करना है, और आगे किस तरह से पुख्ता साक्ष्य (सबूत) जुटाने हैं, आरोपियों की गिरफ्तारी करनी है, पाकिस्तान से लेकर बांग्लादेश समेत अन्य दूसरे देशों में बैठे इन लोगों (आतंकवादियों) के आकाओं तक कैसे पहुंचना है इसकी हर बारीकी को बताया. साथ ही उन्हें इस बात की भी हिदायत दी की अनुसंधान के दौरान कहीं किसी भी तरह की चूक ना हो जिसका लाभ आगे आने वाले दिनों में इस केस से जुड़े अभियुक्त उठा सकें जब यह केस कोर्ट में ट्रायल के लिए जाए.
बता दें कि इन दोनों केस का अनुसंधान एनआईए के पास जाने से पहले पटना पुलिस की स्पेशल इन्वेस्टिगेटिव टीम यानी एसआईटी और एटीएस कर रही थी. एटीएस ने ही 15 जुलाई को मरगुब उर्फ ताहिर को गिरफ्तार किया था और पूछताछ में उससे उसके गुनाहों को कबूल करवाया था. वहीं, दूसरी तरफ आईबी ने पीएफआई मामले से जुड़ी इनपुट को पटना पुलिस से शेयर किया था जिसके बाद पटना पुलिस ने 11 जुलाई को फुलवारी शरीफ टेरर हाइड आउट पर रेड डाल कर मोहम्मद जलालुद्दीन और अतहर परवेज को गिरफ्तार किया था. यहां अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा की एनआईए की जांच में इस मामले में और क्या खुलासा होता है.