आआईएम बोधगया ने आईआईटी पटना के साथ समझौता किया
शोध के लिए आईआईएम व आईआईटी में समझौता
गया: आआईएम बोधगया ने आईआईटी पटना के साथ समझौता किया है. शोध के शोध के क्षेत्र में बढ़ावा देने और छात्रों की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है. समझौता ज्ञापन पर आईआईएम की निदेशक प्रो. विनीता एस सहाय और आईआईटी पटना निदेशक डॉ टीएन सिंह औपचारिक रूप से हस्ताक्षर किया है.
इस समझौता से आईआईएम बोधगया और आईआईटी पटना के बीच मजबूत साझेदारी होगी. रिसर्च के क्षेत्र में इसके प्रभाव जल्द ही देखे जा सकेंगे. निदेशक विनीता सहाय ने कहा यह सहयोग संसद के अधिनियमों के तहत स्थापित दोनों संस्थानों के बीच एक रणनीतिक गठबंधन का प्रतीक है. यह समझौता ज्ञापन सहयोग के विभिन्न क्षेत्रों को रेखांकित करता है, जिसमें संयुक्त दोहरी डिग्री कार्यक्रम शामिल हैं.
जिसका उद्देश्य तकनीकी और प्रबंधकीय कौशल को मिला कर छात्रों को विशेषज्ञता प्रदान करना है. दोनों संस्थानों के फैकल्टी सदस्यों के बीच शैक्षणिक, रिसर्च और कंसल्टिंग सहयोग की सुविधा प्रदान करता है. इस सहयोग में रिसर्च सुविधाओं को साझा करना, संयुक्त रिसर्च प्रयासों को सक्षम करना और रिसर्च क्षमताओं को बढ़ाना भी शामिल है. दोनों संस्थान विनिमय कार्यक्रम, रिसर्च साझेदारी और प्रकाशनों के लिए अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के साथ जॉइंट वेंचर में शामिल होंगे . उद्योग की जरूरतों के अनुरूप शिक्षा कार्यक्रम और प्लेसमेंट गतिविधियों में सहयोगात्मक प्रयास भी इसी समझौते का एक हिस्सा होगा. एमओयू पांच साल के लिए वैध है और उसके बाद बढ़ाया जा सकता है, जो एकेडमिक उत्कृष्टता के लिए दोनों संस्थानों की प्रतिबद्धता पर प्रकाश डालता है. एमओयू में कोई भी संशोधन आपसी समझ और सम्मान के सिद्धांतों पर जोर देते हुए आपसी समझौते के माध्यम से किया जाएगा. अपनी-अपनी खूबियों और संसाधनों का लाभ उठाकर, दोनों संस्थानों का लक्ष्य शिक्षा, रिसर्च और सामाजिक विकास में महत्वपूर्ण योगदान देना है.