दिल के बीमार बच्चों पर धीमी प्रक्रिया की मार

Update: 2023-02-17 07:18 GMT

भागलपुर न्यूज़: राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) की महत्वाकांक्षी योजना के तहत जिले के जन्मजात हृदय में छेद (हृदय रोगी) के शिकार बच्चों की जांच से लेकर उनकी सर्जरी तक की व्यवस्था बिहार सरकार की तरफ से निशुल्क है.

यहां तक कि बच्चे या उनके परिजनों को इलाज व ऑपरेशन के लिए अस्पताल तक आने-जाने की व्यवस्था भी सरकार की तरफ से की जाती है. लेकिन जिले के दिल के बीमार बच्चों को इलाज पर धीमी प्रक्रिया की मार जबरदस्त तौर पर पड़ रही है. आलम यह है कि दिल के बीमार बच्चों को इलाज के लिए महीनों इंतजार करना पड़ रहा है. मुख्यमंत्री की समीक्षा बैठक में स्वास्थ्य विभाग द्वारा प्रस्तुत किये गये आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल 2022 से लेकर 11 फरवरी 2023 के बीच जिले के 24 बच्चों की आरबीएसके टीम द्वारा स्क्रीनिंग की गयी. इन्हें कन्फर्म जांच के लिए सदर अस्पताल तक लाया गया तो पाया गया कि इनमें से 13 बच्चों के दिल में जन्म से ही छेद है और इनकी सर्जरी जरूरी है. इस दौरान 13 में 10 बच्चों का तो ऑपरेशन हो गया, लेकिन तीन बच्चे बीते एक से लेकर दो माह से अपने-अपने ऑपरेशन होने का इंतजार कर रहे हैं.

Tags:    

Similar News

-->