स्वास्थ्य विभाग एईएस व जेई के खतरों से निबटने को अलर्ट

प्रारंभिक अवस्था में रोग की पहचान व इलाज से जान-माल की क्षति को काफी हद तक कम किया जा सकता है

Update: 2024-04-24 08:02 GMT

मधुबनी: जिला स्वास्थ्य विभाग एईएस व जेई के संभावित खतरों से निपटने को लेकर पूरी तरह से अलर्ट हो गया है. सदर अस्पताल में भी विशेष व्यवस्था भी रखी गयी है. सिविल सर्जन डॉ. नरेश कुमार भीमसारिया ने कहा कि चमकी बुखार व मस्तिष्क ज्वर का कुशल प्रबंधन जरूरी है. प्रारंभिक अवस्था में रोग की पहचान व इलाज से जान-माल की क्षति को काफी हद तक कम किया जा सकता है.

लिहाजा इसे लेकर स्वास्थ्य अधिकारी व कर्मियों को विशेष तौर पर सतर्क रहने की जरूरत है. सिविल सर्जन डॉ. नरेश कुमार भीमसारिया ने कहा कि से लेकर मई का महीना रोग के प्रसार के लिहाज से बेहद संवेदनशील माना जाता है. ये रोग खासतौर पर 01 से साल तक के बच्चों को प्रभावित करता है. कुपोषित बच्चे, वैसे बच्चे जो बिना भरपेट भोजन किये रात में बच्चों को नहीं सुलाना है.

रोगग्रस्त बच्चों का उचित उपचार जरूरी: जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. डी. एस. सिंह ने स्वास्थ्य अधिकारी व कर्मियों केा रोग प्रबंधन व उपचार से संबंधित विस्तृत जानकारी दी. उ सिर में दर्द, तेज बुखार, अर्ध चेतना, मरीज में पहचानने की क्षमता नहीं होना आदि लक्षण है

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