जमीन के फेर में राज्य की आधा दर्जन सड़क परियोजनाएं फंसी

Update: 2023-08-09 05:59 GMT

पटना: जमीन के फेर में राज्य की आधा दर्जन अहम सड़क परियोजनाओं का निर्माण शुरू नहीं हो पा रहा है. राज्य की आधा दर्जन ऐसी परियोजनाएं हैं, जिनका टेंडर हो चुका है. एजेंसी का भी चयन हो चुका है, लेकिन जमीन के अभाव में इन सड़कों का निर्माण शुरू नहीं हो पा रहा है. जमीन अधिग्रहण में सुस्ती देखते हुए पथ निर्माण विभाग ने राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग से अनुरोध किया है कि वह जमीन अधिग्रहण में तेजी लाए.

जानकारी के अनुसार, पिछले एक साल से इन सड़कों का जमीन अधिग्रहण लंबित है. नियमानुसार सड़क निर्माण शुरू होने के लिए एजेंसी को 90 फीसदी जमीन उपलब्ध होना जरूरी है. इतनी जमीन नहीं मिलने के कारण एजेंसी चाहकर भी काम शुरू नहीं कर पा रही है. जिन सड़कों का निर्माण कार्य फंसा हुआ है उसमें एनएच 131ए अमदाबाद-मनिहारी सड़क है. लगभग 24 किलोमीटर लंबी इस सड़क के लिए 110.06 हेक्टेयर जमीन की जरूरत है. इस परियोजना के लिए 71 करोड़ जारी किया जा चुका है, लेकिन जमीन अधिग्रहण के एवज में किसानों को मात्र 17 करोड़ ही भुगतान हो सका है.

कटिहार बाईपास की लंबाई 4.60 किमी है. इसके लिए 21 हेक्टेयर जमीन की आवश्यकता है. 38.18 करोड़ में से अब तक किसानों को एक भी पैसे का भुगतान नहीं हो सका है. एनएच 527ई दरभंगा-रोसड़ा का निर्माण दो पैकेज में होना है. 86 किलोमीटर लंबी इस सड़क के लिए 120 हेक्टेयर जमीन की आवश्यकता है. 125 करोड़ में से अब तक किसानों को मात्र पांच करोड़ ही मिल सका है. शेखपुरा-जमुई-खैरा बाईपास का निर्माण होना है. इसकी लंबाई 13.47 किमी है. इसके लिए 207 हेक्टेयर जमीन की आवश्यकता है. दाउदनगर बाईपास के लिए 10 हेक्टेयर तो नासरीगंज-दावथ बाईपास के लिए 6.11 हेक्टेयर जमीन की आवश्यकता है. जबकि भभुआ-चांद बाईपास के लिए 33.68 हेक्टेयर जमीन की आवश्यकता है.

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