मुजफ्फरपुर बॉयलर ब्लास्ट हादसे के बाद खुली सरकार की नींद, बिहार के कारखानों की जांच का विशेष अभियान चलेगा
बिहार के कारखानों की जांच के लिए विशेष अभियान चलेगा। जांच में विशेष रूप से कारखानों के ब्वॉयलर की जांच होगी।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। बिहार के कारखानों की जांच के लिए विशेष अभियान चलेगा। जांच में विशेष रूप से कारखानों के ब्वॉयलर की जांच होगी। मुजफ्फरपुर में हुए बॉयलर ब्लास्ट के बाद श्रम संसाधन विभाग ने यह निर्णय लिया है। राज्यस्तरीय जांच की कार्ययोजना तैयार कर ली गई है। नियमों को ताक पर रखकर कारखाना चलाने वाले संचालकों पर विभाग कार्रवाई भी करेगा।
विभागीय अधिकारियों के अनुसार हाल ही में हुई समीक्षा बैठक में पाया गया कि राज्य के कल-कारखानों के सुरक्षा मानकों की जांच होनी जरूरी है। समय-समय पर जांच नहीं होने के कारण संचालक मेरी मर्जी की तर्ज पर कारखाना चलाया करते हैं। इसका परिणाम मुजफ्फरपुर हादसा के रूप में सामने आता है। इसलिए तय हुआ कि विभाग की विशेष टीम बनाकर राज्य भर में कारखानों की जांच की जाए। जांच में जिला प्रशासन के अधिकारियों का भी सहयोग लिया जा सकता है।
मुजफ्फरपुर में जांच जारी
कारखानों की जांच की कार्रवाई मुजफ्फरपुर में जारी है। बॉयलर ब्लास्ट के बाद मुजफ्फपुर के सभी कारखानों की जांच की जा रही है। इसके बाद राज्य के अन्य औद्योगिक क्षेत्रों में अवस्थित कारखानों की जांच की जाएगी। वैसे कारखाने जो किसी औद्योगिक प्रक्षेत्र में नहीं हैं, वहां भी विभाग की टीम जांच करेगी।
जांच में यह देखा जाएगा कि कारखानों में सुरक्षा मानकों का कितना ख्याल रखा जा रहा है। विशेषकर ब्वॉयलर सहित खतरनाक श्रेणी के अन्य कारखानों की जांच के दौरान सुरक्षा मानकों के पालन पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। कर्मचारियों की सुरक्षा के लिए कारखाना संचालकों ने क्या कार्रवाई की है, यह जांच होगी। अगर किसी भी स्तर पर लापरवाही उजागर होगी तो उन्हें चेतावनी देते हुए अविलंब दुरुस्त करने को कहा जाएगा। अगर बिना सुरक्षा मानकों का ध्यान रखते हुए कारखाने चलाए जा रहे होंगे तो ऐसे संचालकों पर विभाग कार्रवाई भी करेगा।
कारखाना संचालन के लिए सभी मानक तय
अधिकारियों के अनुसार कारखाना संचालन के लिए सभी मानक तय हैं। कारखाना चलाने वाले सभी संचालकों को उन नियमों का हर हाल में पालन करना है। अगर कोई संचालक उन नियमों की अनदेखी कर रहे हैं तो फैक्ट्री अधिनियम के तहत कार्रवाई भी होगी। चेतावनी, दंड के बाद भी अगर कारखाना संचालक नहीं सुधरे तो ऐसे लोगों का लाइसेंस भी रद्द किया जा सकता है। सरकार की मंशा कारखाना में काम करने वाले कामगारों की जीवन सुरक्षित करना है और इसके लिए सरकार के स्तर पर हर संभव कार्रवाई की जाएगी।