अगुवानी-सुल्तानगंज पुल गिरने के मामले को लेकर बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम सह बीजेपी सांसद सुशील मोदी ने एक बार फिर से सूबे के सीएम नीतीश कुमार पर करारा हमला बोला है. उन्होंने कहा है कि जिन अभियंताओं को हटाया गया था उन्हें नीतीश सरकार द्वारा फिर से पदास्थापित करने के लिए लीपापोती की जा रही है औऱ नीतीश कुमार ने भ्रष्टाचार से पूरी तरह फिर से समझौता कर लिया है. आज दिन तक ना तो कोई विभागीय जांच की प्रगति रिपोर्ट सामने आई है और ना ही डिजाइन बनाने वाली कंपनी पर किसी भी तरह की कोई कार्रवाई की गई है. सुशील मोदी ने नीतीश सरकार से अगुवानी पुल हादसे की जांच रिपोर्ट सार्वजनिक किए जाने की मांग की है.
नीतीश को देना चाहिए जवाब
पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने कहा कि अगुवानी-सुल्तानगंज पुल का एक हिस्सा गिरने की घटना पर सरकार जांच रिपोर्ट सार्वजनिक करे. सुशील मोदी ने कहा कि पुल हादसे के बाद लगभग महीने -भर में क्या जाँच-पड़ताल और कार्रवाई हुई, इस पर नीतीश कुमार को जवाब देना चाहिए. उन्होंने कहा कि पुल का डिजाइन बनाने वाली विदेशी कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं हुई?
जिम्मेदार अभियंताओं के पदास्थापन पर खड़ा किया सवाल
सुशील मोदी ने कहा कि पुल का हिस्सा ढहने के बाद जिस उप-मुख्य अभियंता को परियोजना से हटाया गया था, उसे पुल निर्माण निगम का प्रबंध निदेशक क्यों बना दिया गया? उन्होंने कहा कि पिछले साल अगुवानी पुल का पाया धंसने की पहली घटना के बाद जिस कार्यपालक अभियंता को हटाया गया था, उसे पांच जून को दोबारा पुल का हिस्सा ढहने के बाद वापस बुला कर नया सीनियर प्रोजेक्ट इंजीनियर क्यों बनाया गया?
IIT रुड़की की रिपोर्ट पर क्या कार्रवाई हुई?
सुशील मोदी ने पूछा कि आइआइटी-रुड़की की विशेषज्ञ समिति की जांच रिपोर्ट का क्या हुआ? उस पर क्या कार्रवाई हुई? उन्होंने कहा कि पुल हादसे के बाद पथ निर्माण विभाग के अवर मुख्य सचिव के नेतृत्व में जो जांच शुरु हुई थी, वह कहाँ तक पहुँची, यह भी कोई बताने को तैयार नहीं. सुशील मोदी ने कहा कि 1710 करोड़ से बनने वाले जिस पुल का शिलान्यास नीतीश कुमार ने किया था, वह बनने से पहले दो बार ढह गया, लेकिन किसी की भी जिम्मेदारी और सजा तय किये बिना पूरे मामले की लीपापोती की जा रही है. यह भ्रष्टचार से समझौता नहीं, तो क्या है?