डीजल वाहनों के धुएं में उड़ा सरकारी आदेश, नए नियम से ट्रैफिक पुलिस भी दिखी अंजान
बढ़ते वायु प्रदूषण को देखते हुए पटना प्रशासन ने एक अप्रैल से शहर में डीजल से चलने वाले ऑटो और बस के परिचालन पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाने का फैसला लिया है.
पटनाः बढ़ते वायु प्रदूषण को देखते हुए पटना प्रशासन ने एक अप्रैल से शहर में डीजल से चलने वाले ऑटो और बस के परिचालन पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाने का फैसला लिया है. प्रशासनिक आदेश का पहले ही दिन असर भी दिखा. पटना के मुख्य इलाके जैसे पटना जंक्शन, बेली रोड, गांधी मैदान, अशोक राजपथ, बोरिंग रोड में वाहन चालक प्रशासनिक को आदेश मानते दिखे. इन इलाकों में अधिकांश सीएनजी वाहन देखे गए.
नियमों से अंजान दिखे सिपाही
हालांकि, पटना के ही रिमोट इलाके में नियमों का खुलेआम उल्लंघन होता दिखा. यहां तक कि पुलिसकर्मी भी नए नियम से अनजान दिखे. सड़क पर खड़े ट्रैफिक पुलिस ने कहा कि हमें इस तरह का कोई आदेश नहीं मिला है. हमें इस बारे में नहीं पता. इधर, आदेश के बावजूद डीजल ऑटो चलाने वाले ऑटो चालकों का कहना है कि बिना किसी वैकल्पिक व्यवस्था के इस तरह का आदेश जारी नहीं करना चाहिए.
ऐसे में तो हम सड़क पर आ जाएंगे.ऑटो चालकों ने कही ये बात
इस मामले में जब पटना सिटी एसडीओ मुकेश रंजन से बात की गई तो उन्होंने बताया कि पटना डीटीओ की ओर से आदेश मिला है. हम कोशिश कर रहे हैं. एकाएक आदेश का पूरी तरह से पालन कराना संभव नहीं है. लेकिन कुछ दिनों में सब ठीक हो जाएगा. मालूम हो कि बिहार सरकार ने नया नियम जारी किया है, जिसके तहत एक अप्रैल से राजधानी की सड़कों पर डीजल बस और ऑटो का परिचालन बंद कराने को कहा गया है.
वायु प्रदूषण को देखते हुए ये आदेश जारी किया गया है. परिवहन विभाग के तरफ से डीजल वाले गाड़ियों चलाने की अंतिम तारीख 31 मार्च तक दी गई थी. लेकिन आदेश के बावजूद वाहन चालक इसकी अनदेखी करते दिखे. साथ ही ट्रैफिक पुलिस भी नियमों से अंजान दिखी.