ब्लॉकेज के इलाज में तीसरा स्थान मिला

Update: 2023-07-07 09:18 GMT

पटना न्यूज़: दिल की धमनियों के ब्लॉकेज और सिकुड़न का इलाज करने में आईजीआईएमएस पटना पीजीआई चडीगढ़, जीबी पंत नई दिल्ली और एम्स जैसे संस्थानों से भी आगे हो गया है. ऐसे मरीजों को स्टेंट लगाने और बैलूनिंग प्रक्रिया करने में इसे तीसरा स्थान मिला है.

हैदराबाद में 30 जून से दो जुलाई के बीच कार्डियोलॉजिकल सोसाइटी ऑफ इंडिया के तहत नेशनल इंटरवेंशन काउंसिल की बैठक में यह जानकारी दी गई. काउंसिल की रिपोर्ट के अनुसार इंटरवेंशन (बिना चीर-फाड़ नस के ब्लॉकेज) करने वाले शीर्ष संस्थानों में क्रमश किम्स हैदराबाद, असम का गुवाहाटी मेडिकल कॉलेज, पटना का आईजीआईएमएस, चंडीगढ़ का पीजीआईएमईआर, छत्तीसगढ़ का एसएमसी हर्ट इंस्टीट्यूट, नई दिल्ली का जीबी पंत इंस्टीट्यूट, गोवा मेडिकल कॉलेज, गुजरात का यूएन मेहता इंस्टीट्यूट ऑफ कार्डियोलॉजी, हरियाणा का मेदांता-द मेडिसिटी, हिमाचल प्रदेश का इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज, गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज जम्मू आदि शामिल हैं.

बताया कि आईजीआईएमएस में अत्याधुनिक कैथलैब है. इंटरवेंशन टीम में उनके नेतृत्व में डॉ. नीरव कुमार, डॉ. गौतम कुमार और डॉ. चंद्रभानु प्रसाद शामिल हैं. आईजीआईएमएस के हृदय रोग विभाग के अध्यक्ष डॉ. रवि विष्णु प्रसाद ने बताया कि संस्थान में प्रतिदिन 15 से 17 लोगों की एंजियोग्राफी होती है. उनमें से तीन से पांच लोगों को स्टेंट लगाया जाता है. एक साल में यहां लगभग 1800 लोगों को स्टेंट लगता है.

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