Gopalganj: मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत निर्माणाधीन सड़क की गुणवत्ता को बताया संदिग्ध

Update: 2025-01-01 07:11 GMT

गोपालगंज: मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत चनौर हजमा टोला से पी एम जी एस वाई चकवसावन सीमा तक बनने वाली सड़क के निर्माण कार्य की मंथर गति ने जहां एक ओर आम राहगीरों की परेशानी बढ़ा दी है वहीं इसकी गुणवत्ता से इसके भविष्य पर प्रश्न चिन्ह लगता दिखाई दे रहा है.

यह सड़क ग्रामीण कार्य विभाग कार्य प्रमंडल दरभंगा 2 के द्वारा 165 .86 लाख रुपये की लागत से बनायी जा रही है. इसकी लंबाई 2.470 किलोमीटर है.गत दो वर्षों से बन रही इस महत्वपूर्ण सड़क से जतुका ,चनौर, मकरंदा ,भंडारिसम सहित अन्य गांवों के लोगों को विशेष सुविधा होगी. लेकिन इस सड़क के निर्माण कार्य में ठेकेदार की ओर से इसके निर्माण में गुणवत्ता व नियमों की सर्वथा अनदेखी की जा रही है. भार लदे ट्रक जैसे भारी वाहनों को सहन करने की क्षमता के अनुरूप इसके प्राक्कलन के नियमों के विपरीत सड़क निर्माण कार्य में संवेदक द्वारा की जा रही अनदेखी इसकी गुणवत्ता संदिग्ध बन गई है. विभागीय अधिकारियों की सतत् निगरानी नहीं किए जाने से संवेदक की मनमानी एवं विभागीय अधिकारी की मिलीभगत का आरोप लगाया गया है . स्थानीय लोगों का कहना है कि निर्माण में मानक का खुलेआम उल्लंघन हो रहा है. स्थानीय योगेन्द्र यादव, रामचंद्र यादव, दिनेश यादव, विरेंद्र यादव,धीरेन्द्र यादव सहित कई अन्य लोगों ने बताया कि तीन परतों में बनने वाली इस सड़क के प्रत्येक परत की मोटाई 75 एम एम है तथा इसकी गुणवत्ता के लिए सभी परतों में पानी का छिड़काव तथा रॉलर चलाने अनिवार्य है. लोगों ने बताया कि सड़क पर लोकल बालू के स्थान पर मिट्टी डालकर पानी का छिड़काव भी नहीं किया जा रहा है.निर्माणाधीन इस सड़क पर कहीं भी मुरम मिट्टी या नदी के रेत का प्रयोग नहीं किया जा रहा है.मिट्टी के उपर से जीएसबी किए बिना दो परत मेटल दिए बिना ही थोडा़ सा मेटल डालकर रात के अंधेरे में पंचिंग कर सड़क बनाने के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति की जा रही है.मानक के अनुरूप कार्य नहीं होने से लोगों में नाराजगी साफ दिख रही है . जानकारों की माने तो यह सड़क जल्द ही टूट कर बदहाल हो जाएगी.

लोगों ने बताया कि सड़क निर्माण के प्रावधान के विपरीत सड़क के किनारे पुराने फ्लैंक को ही काटकर उसी को मिट्टी को देकर चौड़ीकरण किया गया है. जबकि नियमानुसार उसे बाहर से मिट्टी देने का प्रावधान है. हद तो यह है कि पुलिया निर्माण कार्य में भी घटिया बालू व लोकल सीमेंट का उपयोग खुलेआम किया जा रहा है. जानकारों की मानें तो इस गुणवत्ताविहीन पुलिया पर से भारी गाड़ी के आवागमन पर दुर्घटना बढ़ जाने का खतरा है.

इस संबंध में जेई साकेत कुमार ने बताया कि कार्यों की स्थलीय जांच की गई है. इसमें सुधार की आवश्यकता है.सहायक व कार्यपालक अभियंता के द्वारा दुबारा जांच के बाद आवश्यक कदम उठाया जायेगा.

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