Gopalganj: आधुनिक उपकरणों से नेत्र चिकित्सा के क्षेत्र में आई क्रांति
"नई क्रांति"
गोपालगंज: ऑल इंडिया ऑपथलमोलॉजिकल सोसायटी के उपाध्यक्ष व एम्स, नई दिल्ली के डॉ. राजेंद्र प्रसाद सेंटर फॉर ऑपथेलमिक साइंसेज के चीफ डॉ. जीवन सिंह टिटियाल ने कहा कि आधुनिक उपकरणों की मदद से नेत्र चिकित्सा के क्षेत्र में नई क्रांति आई है।
उन्होंने कहा कि स्माइल तकनीक के माध्यम से लोगों की आंखों से चश्मे हटने लगे हैं। नेत्र चिकित्सा के क्षेत्र में दरभंगा भी लगातार आगे बढ़ रहा है। बिहार ऑपथलमोलॉजिकल सोसायटी के वार्षिक सम्मेलन का दरभंगा मेडिकल कॉलेज में उद्घाटन करने के बाद वे डेलीगेट्स को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि पूर्व में आंखों की समस्या लेकर बड़ी संख्या में लोग दिल्ली आते थे। अब बिहार में भी इलाज के बेहतर व्यवस्था हो गई है। यहां सैकड़ों कुशल चिकित्सक हैं जिनका लाभ मरीजों को मिल रहा है। यहां के चिकित्सक नेत्र चिकित्सा के क्षेत्र में पूरे देश में नाम कमा रहे हैं।
दिल्ली की प्रख्यात नेत्र चिकित्सक डॉ. नम्रता शर्मा ने बतौर विशिष्ट अतिथि कहा कि कॉन्फ्रेंस और सेमिनार के आयोजन से चिकित्सकों को अपने अनुभवों का आदान प्रदान करने का मौका मिलता है। वर्कशॉप के माध्यम से पीजी छात्रों को आधुनिक चिकित्सा के गुर सिखाए जाते हैं। इसका लाभ मरीजों तक पहुंचता है। डीएमसीएच अधीक्षक डॉ. अलका झा ने बतौर विशिष्ट अतिथि दरभंगा में नौ वर्ष के अंतराल के बाद सेमिनार के आयोजन के लिए सोसाइटी के प्रति आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि डीएमसीएच में मरीजों को बेहतर इलाज उपलब्ध कराया जा रहा है।
इस मौके पर डॉ. पार्थ विश्वास ने भी लोगों को संबोधित किया। स्वागत डॉ. अमिताभ सिन्हा ने किया। विभिन्न विधाओं में बेहतर करने हे लिए डॉ. कुणाल किशोर, डॉ. डॉ. तरन्नुम फातिमा, डॉ. शानया कुमारी गुप्ता, डॉ. दीक्षा, डॉ. रुचि, डॉ. राजीव कुमार सिंह और डॉ. आकांक्षा को गोल्ड मेडल से सम्मानित किया गया।
मंच संचालन डॉ. आसिफ शाहनवाज व धन्यवाद ज्ञापन डॉ. आशीष शेखर ने किया। इससे पूर्व कोलकाता के प्रख्यात चिकित्सक पार्थ विश्वास ने साइंटिफिक सेशन में स्माइल तकनीक पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने कहा कि इस तकनीक के तहत लेजर का उपयोग कर 15 से 40 वर्ष उम्र के लोगों की आंखों से पावर हटा दिया जाता है। उनकी आंखों से चश्मे हट जाते हैं।