Gopalganj: शहर की सड़कों पर नगर परिषद के डस्टबिन गायब हुए
खुले में फेंक रहे कचरा
गोपालगंज: जिला मुख्यालय स्थित गोपालगंज शहर की सड़कों पर नगर परिषद के डस्टबिन अब नहीं दिख रहे हैं. जिससे दुकानदार हों या घरों में रहनेवाले लोग सभी जहां मन वहां कचरा फेंक रहे हैं. कई वर्ष पूर्व शहर के प्रमुख चौक-चौराहों पर नगर परिषद ने कचरा फेंकने के लिए बड़े-बड़े डस्टबिन रखे थे.
दुकानदार हों या घरों में रहनेवाले लोग इसी डस्टबिन में लाकर अपना कचरा फेंकते थे. इसके बाद नगर परिषद का वाहन आता था और डस्टबिन से कचरे का उठाव करता था. लेकिन, पिछले कई सालों से चौक-चौराहों पर डस्टबिन नहीं रहने से सड़कों पर ही सभी लोग कचरा फेंक रहे हैं.
इससे कई प्रमुख चौक-चौराहों व सड़कों के किनारे कचरे का अंबार लगा रहता था. यहां बता दें कि शहर में प्रतिदिन औसतन 10 टन कचरा सड़कों पर फेंका जाता है. शहर में पूर्व में 12 से अधिक चौक-चौराहों के किनारे डस्टबिन रखे गए थे.
कचरों पर मंडराते रहते हैं सूअर व कुत्ते शहर के चौक-चौराहों पर पसरे कचरे के पास आवारा सूअर व कुत्ते मंडराते रहते हैं. ये उस कचरे को इधर-उधर फैलाते हैं जिससे गंदगी भी फैलती है. साथ ही तेज दुर्गंध आने से राहगीरों व आसपास रह रहे लोगों का सांस लेना भी दुश्वार हो जाता है.
नगर परिषद द्वारा शहर में आवारा घूम रहे सूअर या कुत्तों पर लगाम लगाने का कोई प्रबंध नहीं किया गया है. जिससे ये मुख्य सड़कों के अलावा गली-मोहल्लों में भी गंदगी फैलाते रहते हैं.
यही नहीं नगर परिषद द्वारा शहर में सिर्फ सुबह में ही कचरे का उठाव किया जाता है. जबकि, दुकानदार हों या घरों में रहनेवाले लोग दोपहर में, दिन में और रात में भी सड़कों पर कचरा फेंकते रहते हैं.
फैल रहीं बीमारियां
सड़क पर खुले में ही कचरा फेंकने व गंदगी फैलने से कई तरह की संक्रामक बीमारियां फैल रही हैं. विशेषज्ञों के अनुसार गलत तरीके से फेंका गया कचरा बैक्टीरिया और बीमारियों के लिए प्रजनन स्थल है. कूड़े से वायरस और परजीवी फैल सकते हैं. डॉ. अभितेश त्रिपाठी बताते हैं कि मच्छर जनित रोग में मलेरिया और कालाजार जैसे रोग की अत्यधिक आशंका होती है.
कूड़े से वायरस और परजीवी फैल सकते हैं. रोगाणु सीधे कूड़े के संपर्क में आने से फैल सकते हैं. बैक्टीरिया और परजीवी भी प्रभावित वेक्टर के माध्यम से अप्रत्यक्ष रूप से मनुष्यों में फैल सकते हैं. वेक्टर वे जानवर या कीड़े होते हैं जो दूषित कूड़े के संपर्क में आते हैं और फिर उस दूषित पदार्थ को मनुष्यों में फैला देते हैं. इससे कचरे के अंदर जिवाणु पनपने लगते हैं. मच्छर भी पनपने लगता है और इसके आसपास के लोगों को मच्छर जनित रोग होने की संभावना बढ़ जाती है.