गोपालगंज न्यूज़: केन्द्र सरकार की महिला व बाल विकास मंत्रालय द्वारा मिशन शक्ति अंतर्गत संचालित प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना में गोपालगंज जिला अव्वल रहा है. वित्तीय वर्ष 2022-23 के तहत प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना में जिले ने सौ प्रतिशत से अधिक का लक्ष्य हासिल कर पूरे सूबे में पहला स्थान प्राप्त किया है.
सरकार व विभाग की रिपोर्ट के अनुसार वित्तीय वर्ष 2022-23 के तहत पीएमएमवीवाई में जिले में 23 हजार 410 लाभुकों को योजना का लाभ देने का लक्ष्य रखा गया था. इसके एवज में जिले में 101 प्रतिशत यानि 23 हजार 716 लाभुकों को योजना का लाभ दिया गया. उल्लेखनीय है कि इस योजना में प्रथम संतान के लिए लाभुक महिला को पांच हजार रुपए की प्रोत्साहन राशि दो किस्तों में दी जाती है. जिसमें प्रथम किस्त के तीन हजार रुपए गर्भावस्था के शीर्घ पंजीकरण पर और कम से कम एक प्रसव पूर्व जांच कराने के बाद दिए जाते में हैं. जबकि, दूसरी किस्त के दो हजार रुपए बच्चे के जन्म के पंजीकरण के बाद और बच्चे को बीसीजी, ओपीवी, डीपीटी और हेपेटाइटिस बी या इसके समकक्ष का पहला चक्र का टीका लगने के बाद दिए जाते हैं. वहीं , द्वितीय संतान(कन्या) होने पर लाभुक महिला को कन्या शिशु के जन्म होने पर छह हजार रुपए एक ही किस्त में देने का प्रावधान है. योजना का लाभ पाने के लिए लाभुक को अपने आंगनबाड़ी केन्द्र के माध्यम या विभागीय पोर्टल पर जाकर आवेदन करना होता है.
सीडीपीओ व एलएस को दी गयी है ट्रेनिंगप्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना में पूर्व की तुलना में कुछ बदलाव किए गए हैं. साथ ही नया पोर्टल लांच हुआ है. इसको लेकर जिलास्तर पर एक कार्यशाला आयोजित कर सभी प्रखंडों के सीडीपीओ व महिला पर्यवेक्षिकाओं को इसकी ट्रेनिंग दी गयी है. जिससे कि आवेदनों को अपलोड करने, अपडेट करने और अनुमोदन करने में आसानी हो. आईसीडीएस विभाग की डीपीओ की देखरेख में विशेषज्ञों ने ट्रेनिंग दी. जिसमें सभी विभागीय नियमों व निर्देशों से भी अवगत कराया गया है. बच्चे की परवरिश और गर्भवती व धातृ महिला को उचित पोषाहार की व्यवस्था के उद्देश्य से उक्त योजना बनायी गयी है.
ये लाभुक हो सकते हैं योजना के पात्र:
● जिनकी वार्षिक पारिवारिक आय आठ लाख रुपए से कम हो.
● मनरेगा जॉब कार्डधारी लाभुक.
● किसान सम्मान निधि अंतर्गत लाभुक.
● ई-श्रम कार्ड धारी लाभुक.
● प्रधानमंत्री जन आरोग्या योजना के लाभुक.
● बीपीएल राशन कार्डधारी लाभुक.
● आंशिक या पूर्ण रूप से दिव्यांगजन.
● अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति महिलाएं.
● गर्भवर्ती व धातृ आंगनबाड़ी सेविका, सहायिका व आशा.