Gopalganj: 200 किसान करेंगे आलान विधि से सब्जी की खेती
"इस तकनीक को अपनाने वाले किसानों को सरकार प्रति इकाई 3600 रुपए अनुदान देगी"
गोपालगंज: जिलेभर के सब्जी उत्पादन करने वाले किसान एक बार में एक खेत से सब्जी दो फसलों की उपज ले सकेंगे. उत्पादन दोगुना मिलेगा तो आमदनी बढ़ेगी. यह सब संभव हो सकेगा आलान प्रबंधन का तरीका अपनाने से. राहत यह भी कि खेती के इस तकनीक को अपनाने वाले किसानों को सरकार प्रति इकाई 3600 रुपए अनुदान देगी. आवेदन की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. ‘पहले आओ पहले पाओ’ के आधार पर लाभुकों का चयन किया जाना है. आलान प्रबंधन योजना के तहत जिले में 200 इकाई स्थापित करने का लक्ष्य दिया गया है. यानी अधिकतम 200 किसान इससे लाभान्वित हो सकेंगे. एक इकाई 125 वर्ग मीटर प्लॉट की होगी. प्रति इकाई लागत 4500 रुपए तय की गयी है. किसानों को 80 फीसद अनुदान मिलना है. योजना का उद्देश्य जिले में सब्जियों के उत्पादन को बढ़ावा देना और किसानों की आय में वृद्धि करना है. अच्छी बात यह कि एक किसान कम से कम एक इकाई तो अधिकतम 2000 वर्ग मीटर (16 इकाई ) तक में आलान विधि से खेती कर सकते हैं.
पट्टे व बटाई पर खेती करने वालों को भी लाभ योजना में रैयत लघु व सीमांत किसानों के साथ ही पट्टे अथवा बटाई पर खेती करने वालों को भी लाभान्वित किया जाएगा. शर्त यह कि सब्जी की खेती करने वाले ऐसे किसानों को आवेदन के साथ एकरारनामा देना होगा. खास यह भी कि योजना में महिलाओं को 30 फीसद हिस्सेदारी दी जाएगी.
क्या है आलान प्रबंधन तकनीक खेत में कुछ-कुछ दूरी पर छोटे-छोटे बांस के टुकड़े गड़कर लोहा तार, प्लास्टिक सुतली, पाटख् सुतली आदि की मदद से सतह से तीन से चार फीट की ऊंचाई पर जालीदार स्वरूप बनाया जाता है. गांव जवार में इसे झमड़ा कहते है.
इसके ऊपर लत्तेहार सब्जियां जैसे कद्दू, करैला, परवल आदि की फसल बहुत ही अच्छी तरीके से तैयार होती है. जबकि नीचे पत्तेदार सब्जियों के खेती की जाती है.
ऐसे करें आवेदन: योजना का लाभ लेने के इच्छुक कागजात मसलन, जमीन का ब्योरा, बैंक खाता, आधार कार्ड आदि के साथ आवेदन करना होगा. शर्त यह भी लगायी गयी है कि योजना का लाभ उन्हीं को मिलेगा जो किसान कृषि विभाग के डीबीटी पोर्टल पर निबंधित हैं.
अधिक मिलेगी उपज: पंचदेवरी के प्रखंड उद्यान पदाधिकारी सतीश कुमार राय बताते हैं कि आलान प्रबंधन विधि से सब्जी की खेती करने पर 20 से 30 फीसद तक उत्पादन अधिक मिलता है. सब्जियों का आकार और रूप भी बेहतर होता है. मसलन, कद्दू के पौधों के बीच साग लगाया जाए , तो 10 कट्टा में 20 कह्वा जितना उत्पादन लिया जा सकता है. यह तकनीकी भूमि का सही उपयोग करने के साथ ही अधिक पैदावार देने वाला है.
ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. आलान प्रबंधन विधि को अपनाकर सब्जियों की खेती करने वाले किसान आवेदन कर सकते हैं. प्रति इकाई 80 फीसदी अनुदान का प्रावधान किया गया है. इस विधि से उत्पादन बढ़ता है. यह काफी फायदेमंद है. सतीश कुमार राय, उद्यान पदाधिकारी, पंचदेवरी