Gaya: अब छात्र भगवदगीता अध्ययन में भी कर सकेंगे एमए

पाठ्यक्रम की अवधि दो वर्ष की है

Update: 2024-07-12 04:59 GMT

गया: इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय (इग्नू) भारतीय ज्ञान परंपरा एवं भारतीय दर्शन को बढ़ावा देने के लिए भगवदगीता अध्ययन में एमए पाठ्यक्रम की पढ़ाई 2024 सत्र से कर रहा है. किसी भी विषय से स्नातक इस पाठॺक्रम में नामांकन ले सकते हैं. पाठ्यक्रम की अवधि दो वर्ष की है जिसे अधिकतम चार वर्षों में पूरा किया जा सकता है.

क्षेत्रीय निदेशक डॉ. संतन कुमार राम ने बताया कि पाठॺक्रम का मुख्य उद्देश्य लोगों मंं भगवदगीता, धर्म कर्म एवं यज्ञ, आत्मसंयम एवं ज्ञान-विज्ञान, अक्षर ब्रह्म एवं राज विद्या योग, विभूति योग, विश्वरूप दर्शन एवं उपासना, क्षेत्र क्षेत्रज्ञ योग, श्रद्धा एवं मोक्ष सन्यास योग, गीता परंपरा एवं अनुप्रयुक्त अध्ययन, भाष्य, टीका एवं अनुवाद परंपरा का विकास करना है. इस पाठ्यक्रम को करने के बाद व्यक्तित्व विकास के साथ-साथ सामाजिक दायित्वों के बेहतर निर्वहन एवं धर्म तथा कर्मकांड के क्षेत्र में रोजगार के अवसर विद्यार्थियों को प्राप्त हो सकेंगे. पूरे कार्यक्रम के लिए शुल्क 60 रुपए प्रति वर्ष होगा. अध्ययन सामग्री प्रिंट और डिजिटल दोनों माध्यम में उपलब्ध होगा. इग्नू की वेबसाइट से विस्तृत जानकारी ली जा सकती है.

प्रोस्टेट के गंभीर मरीज का किया इलाज: मूत्र रोग से ग्रसित कुशेश्वरस्थान प्रखंड के हरीनगर के 65 वर्षीय रामविलास राम को लेप्रोस्कोपी से सफल ऑपरेशन कर कैंसर के शिकार होने से जीवन हॉस्पिटल बेनीपुर के डॉक्टरों ने बचाया है. पीड़ित मरीज ने बताया कि मूत्र के रास्ते से ब्लड आने लगा, तब कई चिकित्सक से दिखाये, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ. बीमार राम जीवन हॉस्पिटल में भर्ती हुआ. बगैर चीर-फार का ऑपरेशन होने के बाद वे अपने को स्वस्थ महसूस करने लगा है. जीवन हॉस्पिटल बेनीपुर के निदेशक डॉ. आरके झा ने बताया कि मूत्र मार्ग में मांस बढ़ने से प्रोस्टेड खतरनाक रूप लेने लगा. मूत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. वसुदेव झा, डॉ. कृष्णकांत झा, डॉ. राधा कृष्ण ने डॉ. आरके झा के नेतृत्व में 25 को लेप्रोस्कोपी मशीन से सफल ऑपरेशन किया.

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