जानलेवा हमले में चार को 10-10 वर्ष की सजा

Update: 2023-07-01 07:30 GMT

गोपालगंज: एडीजे 10 शैलेंद्र कुमार शर्मा की कोर्ट में जानलेवा हमले के 10 वर्ष पुराने मामले में तीन आरोपितों को दस-दस वर्ष के कारावास तथा एक अन्य को सात वर्ष के कारावास और सभी को 25-25 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई है. जुर्माना नहीं देने पर दोनों को छह- छह माह की अतिरिक्त सजा भुगतनी पड़ेगी.

बताया जाता है कि 20 जुलाई 2013 को बरौली थाने के कोटवा गांव के बिंदा चौधरी के पुत्र मुनमुन चौधरी को चाकू से जानलेवा हमला कर गम्भीर रूप से घायल कर दिया गया था. मामले को लेकर मुनमुन की मां मीना देवी उर्फ छेवनी ने अज्ञात अपराधियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई थी.

अनुसंधान के दौरान इस कांड में बरौली थाने के मिर्जापुर गांव के सत्य नारायण चौधरी तथा धुपन चौधरी तथा कोटवा के राकेश चौधरी एवं मोहन चौधरी का नाम आया था. कांड के अनुसंधानकर्ता की तरफ से सभी चार के खिलाफ आरोप पत्र समर्पित किए जाने के बाद कोर्ट में सुनवाई चल रही थी. अभियोजन पक्ष से एपीपी अनिल कुमार शर्मा तथा बचाव पक्ष से अधिवक्ता प्रबोध कुमार की दलीलें सुनने के बाद कोर्ट ने सत्य नारायण चौधरी, धुपन चौधरी तथा राकेश चौधरी को दोषी पाते हुए दस-दस वर्ष के कारावास तथा 25-25 हजार रुपए के जुर्माना तथा मोहन चौधरी की अधिक आयु को देखते हुए उन्हें सात वर्ष के कारावास तथा 25 हजार रुपए के जुर्माना की सजा सुनाई.

जुर्माने की राशि नहीं देने पर सभी को छह-छह माह की अतिरिक्त सजा भी काटनी पड़ेगी.

प्राथमिकी दर्ज करने पर जतायी आपत्ति

थाना क्षेत्र के कुर्थिया गांव में घनश्याम मिश्रा उर्फ भोला मिश्रा की हत्या तथा उसे बचाने आए उसके भाई पर प्राथमिकी दर्ज करने पर गोपालगंज परशुराम जयंती आयोजन समिति के विजय तिवारी ने आपत्ति व्यक्त की है. उन्होंने आरोप लगाया है कि सरकार और दबंगों के प्रभाव में आकर पुलिस ने घायलों व गवाहों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है. श्री तिवारी ने एसपी से पूरे मामले की निष्पक्ष जांच करा कर पीड़ित पक्ष को न्याय दिलाने की मांग की है.

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