ग्रामीण सड़कों के निर्माण में वन विभाग की एनओसी का पेच फसा
सड़क के लिए मिली जमीन, वन विभाग डाल रहा अड़ंगा
गया: शेरघाटी अनुमंडल की पांच ग्रामीण सड़कों के निर्माण में वन विभाग की एनओसी का पेच फंस गया है. ग्रामीण कार्य विभाग के अनुरोध और स्मार पत्रों को भी वन विभाग के अधिकारी तवज्जो नहीं दे रहे हैं. नतीजा है कि प्रस्तावित सड़कों के निर्माण का काम सालों से अटका हुआ है. जाहिर है सड़क निर्माण में रूकावट की वजह से ग्रामीणों को इस का खामियाजा भुगतना पड़ रहा है. सड़कों के निर्माण में रोड़ा अटके होने के मामले को लेकर को शेरघाटी में हुई अनुमंडल अनुश्रवण समिति की बैठक में भी चर्चा हुई थी. मामला बाराचट्टी प्रखंड का है.
बताया कि बाराचट्टी प्रखंड के भलुआ चट्टी टांड़ की 6.3 किमी लम्बी सड़क के अलावा बाराचट्टी में जीटी रोड से नारे गांव तक पांच किमी लम्बी सड़क के निर्माण में सिर्फ इसलिए गतिरोध बना हुआ है कि इसमें वन विभाग की ओर से अनापत्ति प्रमाण पत्र नहीं दिया गया है. ग्रामीण कार्य विभाग के शेरघाटी स्थित कनीय अभियंता का कहना है कि प्रस्तावित सड़कों के निर्माण के पूर्व अनापत्ति प्रमाण पत्र के लिए वन प्रमंडल पदाधिकारी को अनुरोध पत्रों के साथ लगातार स्मार पत्र भी भेजे जा रहे हैं, मगर कोई रिस्पांस नहीं मिल रहा है.
एनओसी के इंतजार में भलुआ-जयगीर एंव बुमेर पथ के साथ सिसियातरी रोड का निर्माण भी फंसा हुआ है. अनुमंडल स्तरीय अनुश्रवण समिति की बैठक में वन पदाधिकारी के उपस्थित नहीं होने के कारण इस मामले पर कोई चर्चा नहीं हो सकी. अनुश्रवण समिति के अध्यक्ष और सूबे के पूर्व सीएम जीतन राम मांझी ने इस मामले में वन प्रमंडल पदाधिकारी को पत्र लिखकर आवश्यक कार्रवाई किए जाने को कहा है.