ट्रेड लाइसेंस जारी करने में नियमों का टोटा

राजस्व की हो रही है क्षति

Update: 2023-09-05 06:02 GMT

मधुबनी: शहर में हजारों कारोबार बिना ट्रेड लाइसेंस का चल रहा है. जबकि यह लाइसेंस भी कारोबारियों के लिए जरूरी है. हर कारोबारियों को एकबार लाइसेंस लेने के बाद हर साल उसका रेन्यूल कराना होता है. लेकन यहां पर लाइसेंस जारी करने में ही गति काफी धीमी है. इसमें नियमों का टोटा सबसे बड़ी अड़चन है. जबकि ट्रेड लाइसेंस के तहत सभी छोटे से लेकर बड़े कारोबारियों के लिए यह अनिवार्य है.

इसलिए इसे सहज व सरल किये जाने की बजाए यहां पर इसके लिए कारोबारियों को काफी भागदौड़ करनी पड़ती है. इसकारण थककर कारोबारी इसके तहत निबंधन नहीं करा रहे और इससे निगम को काफी नुकसान हो रहा है. एक अनुमान के अनुसार शहर में छोटे-बड़े 7000 से अधिक कारोबारी हैं. यदि इनसे कैटोगरी के अनुसार निबंधन के लिए औसतन सात सौ रुपये ही ली जाती है तो निगम को 49 लाख की आमदनी एक साल में होगी. इसके साथ ही नवीकरण के लिए प्रति साल औसतन 500 ली राशि ली जाती है तो प्रति साल 35 लाख की आमदनी निगम को होगी. शहर में अभी केवल 40 कारोबारी लाइसेंस धारी हैं. स्टार्टअप करने वाले युवा और अन्य लोगों को इसका सीधा लाभ मिलेगा. सिटी मैनेजर राजमणि कुमार ने बताया कि ट्रेड लाइसेंस हर कारोबारियों के लिए काफी लाभकारी है.

पहले तिमाही में एक फीसदी भी नहीं हुआ पूरा वित्तीय वर्ष 2022-23 में ट्रेड लाइसेंस से प्राप्त राशि के एवज में 28,92,249 लंबित रह गया था. जबकि वित्तीय वर्ष 2023 -24 का डिमांड 11 लाख रुपए रखा गया है. इस तरह कुल मांग 39,92,249 हो गयी है. जबकि पहले तीन माह में केवल 0.62 ़फीसदी राशि की ही वसूली हो सकी है. अब निगम के विस्तारित क्षेत्र में कारोबार करने वालों को भी ट्रेड लाइसेंस लेना पड़ेगा. विभाग इसकी तैयारी शुरू कर दी है.

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