दरभंगा: असम के जोरहाट में सेना में कार्यरत शिकारपुर के धुमनगर मटियरिया निवासी सुरेन्द्र सिंह को दूसरे के द्वारा बेची गयी जमीन को दोबारा बेचने के मामले में एफआईआर दर्ज की गयी है.
थानाध्यक्ष संतोष कुमार ने बताया कि रजनीश कुमार की शिकायत पर बानूछापर निवासी रतेन्द्र किशोर झा व मझौलिया के डुमरी महनवा निवासी लक्षमण साह के विरुद्ध एफआईआर दर्ज की गयी है. दोनों को गिरफ्तार कर जेल भेजा जाएगा. थानाध्यक्ष ने बताया कि नामजद अभियुक्त प्रोपर्टी डीलर है. उनलोगों ने सुरेन्द्र सिंह को बानूछापर में आठ धूर जमीन दो लाख 45 हजार रुपये धूर के हिसाब से 19 लाख 60 हजार रुपये में बेचने की बात तय की. जब पैसा लेकर रजिस्ट्री हो गयी तो रजिस्ट्री के बाद जमीन का नापी कराकर दखल कब्जा देने की बात तय थी. रतेन्द्र किशोर झा ने बाउंड्री कराने के नाम पर 18 हजार रुपये ले लिया. उसके बाद भी कब्जा नहीं मिला. इधर मालूम चला कि उस जमीन पर एक औरत बाउंड्री करवा रही है. पूछने पर रतेन्द्र किशोर झा ने बोला कि वे स्वयं बाउंड्री करवा रहे है. पता करने पर मालूम चला कि उक्त जमीन को एक साल पहले ही महेश दत्त झा के पुत्र आशीष कुमार ने अजय कुमार निराला को व बाद में लक्षमण साह ने रंजना देवी को बैनामा लिख दिया है.
बनने के साथ ही टूटने लगी सड़क
नगर पंचायत के अशोक स्तंभ के सामने से मरहिया गांव को जोड़ने वाला बना सड़क महज चार माह के अंदर ही टूटने लगी और यह सड़क भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया है. इसकी शिकायत लोगों ने विभागीय अधिकारी से की है. विदित हो कि मई माह में नगर पंचायत के अशोक स्तंभ के सामने से दुर्गा मंदिर के रास्ते मरहिया को जोड़ने वाले मार्ग का राज्यसभा सांसद कोष मसे पीसीसी कराया गया था. जिसमें कुल लागत सात लाख पांच हजार सात सौ रुपये खर्च हुआ था. यह योजना वर्ष 22- 23 का है, जिसे इसी वर्ष के मई माह के अंतिम दिनों में सड़क का पक्कीकरण कराया गया है. सबसे हैरानी की बात यह है कि इस मार्ग पर चार चक्का या इससे अधिक चक्कों वाली गाड़ियां नहीं चलती है, बावजदइसके यह परेशानी है.