आखिरकार बिहार में खत्म हुआ छठे चरण की प्रक्रिया, अब सातवें चरण में लगभग 50 हजार पदों पर होगी नियुक्ति, शिक्षा मंत्री ने की पुष्टि

बिहार के प्रारंभिक विद्यालयों में छठे चरण की शिक्षक नियुक्ति प्रक्रिया अब और नहीं चलेगी।

Update: 2022-05-08 03:23 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। बिहार के प्रारंभिक विद्यालयों में छठे चरण की शिक्षक नियुक्ति प्रक्रिया अब और नहीं चलेगी। आधे से अधिक पद खाली रह गए, लेकिन बड़ी संख्या में नियोजन इकाइयों में एक बार भी काउंसिलिंग नहीं हुई। विभिन्न कारणों से योग्य अभ्यर्थियों को चयन का अवसर नही मिला पर इसके बावजूद शिक्षा विभाग ने लंबे समय से चल रहे इस चरण को आगे नहीं बढ़ाने का फैसला किया है। विभाग ने छठवें चरण के प्रारंभिक नियोजन की समाप्ति का निर्णय लेते हुए इस चरण की बची और इस दौरान बनी नयी रिक्तियों के आधार पर सातवें चरण की बहाली की तैयारी भी आरंभ कर दी है।

पूछे जाने पर शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने भी इसकी पुष्टि की। गौरतलब है कि राज्य के करीब 72 हजार विद्यालयों में प्रारंभिक शिक्षक के 90 हजार 762 पदों पर नियोजन की प्रक्रिया 5 जुलाई 2019 को आरंभ हुई थी। यह 18 अप्रैल (विशेष चक्र) 2022 तक अर्थात 34 महीने चली। न्यायिक और तकनीकी अवरोधों से इस दौरान कई बार नियुक्ति पत्र वितरण की तिथि टली और आधा दर्जन से अधिक बार नियुक्ति का नया कार्यक्रम जारी हुआ। चार काउंसिलिंग तिथि के बावजूद कुल अधिसूचित रिक्तियों में से करीब 51 हजार शिक्षकों के पद खाली रह गए हैं।
इनमें बड़ी संख्या महिला और आरक्षित कोटे के पदों की है, जिनपर योग्य उम्मीदवार नहीं मिले। विभाग ने अगले चरण की नियुक्ति के आरंभ होने का इंतजार कर रहे अभ्यर्थियों के हक में निर्णय लेते हुए सातवें चरण में सभी रिक्त रह गए पदों को जोड़ने का फैसला किया है। इस निर्णय से एक तरफ‌ जहां प्रतीक्षारत अभ्यर्थियों को खुशी होगी वहीं करीब तीन साल से नौकरी की आस लगाए वैसे प्रत्याशियों को भारी निराशा होगी जिनसे संबंधित नियोजन इकाइयों में एक बार भी चयन की प्रक्रिया आरंभ नहीं हो पाई। ऐसी नियोजन इकाइयों की संख्या 250 से अधिक है। इनमें 150 तो वैसी पंचायत नियोजन इकाइयां हैं जो उत्क्रमित हुई हैं। तीन प्रखंड नियोजन इकाइयों में भी काउंसिलिंग नहीं हो सकी।
शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा, 'यह निर्णय आवश्यक था। छठा चरण काफी दिनों तक चला। कुछ नियोजन इकाइयों में चयन प्रक्रिया नहीं हो पायी। इन कुछ को लेकर सारी नियोजन इकाइयों की रिक्तियों को लंबित रखने से बेहतर है कि सातवें चरण की नयी प्रक्रिया आरंभ की जाये।'
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