फर्जीवाड़ा राज्य में 15 हजार शिक्षकों का दो स्कूलों में नाम

Update: 2023-06-19 12:44 GMT

मुजफ्फरपुर न्यूज़: आर्य कन्या प्राइमरी स्कूल नया टोला में कार्यरत शिक्षिका का नाम पटना के ही एक अन्य निजी स्कूल में भी है. जबकि वह निजी स्कूल छोड़ चुकी है. यू-डायस में जब शिक्षकों का ब्योरा भरवाया गया तो उनका नाम दो स्कूलों में पाया गया. यही स्थिति केंद्रीय विद्यालय कंकड़बाग में कार्यरत एक शिक्षक की भी है. केंद्रीय विद्यालय के साथ ही दूसरे निजी स्कूल के शिक्षक की सूची में भी उनका नाम मिला. राज्यभर में कुल 15,200 ऐसे शिक्षकों की पहचान हुई है. दरअसल यह निजी स्कूल का खेल है जो स्कूल छोड़ चुके शिक्षकों का नाम सूची से हटाते नहीं है. इससे शिक्षकों की कम संख्या को चालाकी से छुपाने की कोशिश की जाती है. बता दें कि यू-डायस पोर्टल पर सरकारी के साथ सभी निजी स्कूलों को तीन कॉलम भरने हैं. इसमें स्कूल की मूलभूत जानकारी के साथ शिक्षक और नामांकित छात्र-छात्राओं की जानकारी देनी है. जब शिक्षकों की जानकारी दी गयी तो कागज पर एक शिक्षक दो-दो स्कूलों में कार्यरत मिले. यह शिक्षक के आधार नंबर पर पकड़ में आया है. सबसे ज्यादा पटना जिला में सात सौ से अधिक ऐसे मामले सामने आए.

स्कूल में शिक्षक नहीं और सीबीएसई को दिखा रहे थे नाम

निजी स्कूलों द्वारा उन शिक्षकों का नाम भी शिक्षक डायरी में डाला गया था जो अब स्कूल में कार्यरत नहीं थे. सीबीएसई द्वारा दसवीं ओर 12वीं बोर्ड परीक्षा के मूल्यांकन में उन शिक्षकों को भी परीक्षक बनाया जा रहा था जो स्कूल में कार्यरत नहीं हैं. इसका असर सीबीएसई के मूल्यांकन पर भी होता था. यू-डायस में पकड़ में आने के बाद अब निजी स्कूलों में शिक्षकों की संख्या कम हो जाएगी.

संबंधित स्कूलों को दिया गया नोटिस

मामला सामने में आने के बाद बिहार शिक्षा परियोजना परिषद ने सभी जिला शिक्षा कार्यालय को जिला वार शिक्षकों की सूची जारी की. वहीं जिला शिक्षा कार्यालय स्तर पर संबंधित स्कूलों को नोटिस दिया गया है. जिन शिक्षकों का नाम दो स्कूलों में हैं, उनका नाम एक स्कूल से हटाने का निर्देश दिया गया है.

इस बाबत जानकारी सभी स्कूलों को भेजी गयी है. यू-डायस पोर्टल पर उसे सुधार करने का निर्देश दिया गया है. पटना में सैकड़ों शिक्षकों के मामले पकड़ में आये है.

-अमित कुमार, डीईओ पटना

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